दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसान बिल के खिलाफ देशभर में पिछले दिनों काफी विरोध प्रदर्शन हुए। यहाँ तक कि इस आंदोलन ने 26 जनवरी के मौके पर बहुत विकराल रूप तक ले लिया था। उसके बाद भी देश में यह विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी आंदोलन के चलते एक बार फिर दिल्ली की मेट्रो सेवाएं रद्द होती नजर आ रही है। क्योंकि, DMRC ने कुछ मेट्रो स्टेशन को बंद करने की बात कही है। जबकि, इससे पहले नवंबर 2020 में भी मेट्रो सेवाएं ठप्प नजर आईं थीं।
फिर रद्द हुईं मेट्रो सेवाएं :
दरअसल, 26 जनवरी के बाद से राजधानी दिल्ली में एक बार फिर शुरू हुए प्रदर्शनकारियों के इस प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस अब हर समय चौकन्ना है। वहीं, अब दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने एक बार फिर राज्य के कुछ मेट्रो स्टेशन को बंद करने का ऐलान कर दिया है। इन स्टेशन के तहत् DMRC ने ग्रीन लाइन स्टेशन पर टीकरी कलां से ब्रिगेडियर होशियार सिंह तक के सभी स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार को बंद कर दिया है। यह सभी स्टेशन और द्वार सोमवार की सुबह ही बंद कर दिए गए थे।
DMRC ने नहीं बताया कारण :
बताते चलें, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने आज इन मेट्रो स्टेशनों और द्वार को बंद कर दिया है, लेकिन DMRC ने इसका कोई कारण नहीं बताया है। इस बारे में जानकारी DMRC ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा एक ट्वीट कर दी है। DMRC ने बताया,
इस रूट पर पड़ते हैं तीन स्टेशन :
बता दें, ग्रीन लाइन पर टीकरी कलां से ब्रिगेडियर होशियार सिंह मेट्रो स्टेशनों के बीच तीन स्टेशन आते हैं। जो कि, टीकरी बॉर्डर, पंडित श्री राम शर्मा (मॉडर्न इंडस्ट्रियल एस्टेट) और बहादुरगढ़ सिटी हैं। इसका मतलब यह हुआ कि, इस बार DMRC ने इस बार हादुरगढ़ के 3 और राजधानी दिल्ली का एक मेट्रो स्टेशन बन्द कर दिया है। वहीं, दिल्ली का टिकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन भी बन्द कर दिया गया हैं। गौरतलब है कि, आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर किसान धरना स्थल पर बहुत बड़ी संख्या में महिलाएं जमा हुई और उन्होंने वहां महिला दिवस मनाया। ऐया माना जा रहा है कि, किसानों की इस भारी तादाद को देखते हुए ही DMRC ने मेट्रो स्टेशन बन्द करने का फैसला लिया था।
महिलाओं का कहना :
इस मौके पर जमा हुई महिलाओं का कहना है कि, 'महिला समाज का अभिन्न अंग है। आज महिलाएं किसानों के कंधे से कंधा मिला कर हर मोर्चे पर खड़ी हैं। जब तक कानून वापसी नहीं तब तक वे घर वापसी नहीं करेंगी। सरकार की तानाशाही को देखते हुए महिलाएं सड़कों पर आई हैं। यह सोई हुई सरकार जब तक नहीं जगती तब तक महिलाएं सड़कों पर ही रहेंगी। सरकार महिलाओं से डरती है, सरकार को पता है कि, अगर महिलाएं सड़कों पर आई तो सरकार को हटा देंगी। जब तक संसद में महिलाओं की संख्या 50% नहीं होगी तब तक महिलाओं को बराबरी का दर्जा नहीं मिल सकता।' बता दें, टिकरी बॉर्डर पर आज धरना स्थल का स्टेज संचालन भी महिलाओं द्वारा किया गया।
यह है कृषि कानून :
बताते चलें, दिल्ली की सीमाओं पर किसानों द्वारा चलाये गए आंदोलन का आज 102वां दिन है। जबकि, सरकार ने साफ कर दिया है कि, सरकार यह कानून वापस नहीं लेगी, लेकिन संशोधन संभव है। किसान यूनियनों कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन तेज कर दिया है। सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानून यह है।
द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020,
द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020
द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020
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