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शेल कंपनियों के माध्यम से 400 करोड़ हेराफेरी के आरोप में दिल्ली के बिल्डर आरके बंसल गिरफ्तार

ईडी ने दिल्ली एनसीआर के नामी बिल्डर M3M के प्रमोटर रूपकुमार बंसल को काले धन को सफेद बनाने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है।
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राज एक्सप्रेस । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली एनसीआर के नामी बिल्डर एम3एम (M3M) के प्रमोटर रूपकुमार बंसल को काले धन को सफेद बनाने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक बंसल को गुरुवार को ही गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इसकी जानकारी शुक्रवार को सामने आई। प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में आईआरईओ ग्रुप और एम3एम ग्रुप के ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई निवेशकों से 400 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने के आरोप में हुई थी। इस तलाशी अभियान के दौरान, फेरारी, लेम्बोर्गिनी, लैंड रोवर, रोल्स रॉयस, बेंटले और मर्सिडीज मेबैक जैसी लग्जरी कारों समेत 5.75 करोड़ रुपये के आभूषण, 15 लाख रुपये की नकद राशि, और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और बही खाते जब्त किए गए थे।

जांच से बचने की कोशिश कर रहे थे बंसल

ईडी के मुताबिक, एम3एम ग्रुप के मालिक, कंट्रोलर और प्रमोटर बसंत बंसल, रूप कुमार बंसल, पंकज बंसल और अन्य प्रमुख व्यक्ति जानबूझकर जांच से बच रहे थे। उनके दिल्ली और गुरुग्राम (हरियाणा) में स्थित सात स्थानों पर छापेमारी की गई थी। ईडी निवेशकों और ग्राहकों के फंड को डायवर्ट और हेराफेरी करने के लिए उनके खिलाफ दायर कई एफआईआर के आधार पर आईआरईओ ग्रुप की जांच कर रहा है। ईडी की जांच से पता चला है कि एम3एम समूह के माध्यम से सैकड़ों करोड़ रुपये की एक महत्वपूर्ण राशि का गबन किया गया था। एक लेनदेन में, एम3एम समूह ने कई परतों में कई शेल (फर्जी) कंपनियों के माध्यम से आईआरईओ समूह से लगभग 400 करोड़ रुपये प्राप्त किए। ईडी ने कहा था कि लेनदेन को आईआरईओ की पुस्तकों में विकास के लिए भुगतान के रूप में दिखाया गया था।

एम3एम समूह संचालित कर रहा था मुखौटा कंपनियां

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार भूमि स्वामित्व एम3एम समूह के पास था। इसका बाजार मूल्य लगभग चार करोड़ रुपये है। शुरुआत में एम3एम ग्रुप ने 10 करोड़ रुपये के भुगतान पर पांच शेल कंपनियों को जमीन के विकास अधिकार बेचे। ईडी ने बताया, यह दावा किया गया था कि ये पांच कंपनियां असंबद्ध संस्थाएं थीं। हालांकि, जांच से पता चला कि पांच मुखौटा कंपनियां एम3एम समूह द्वारा संचालित की गई थीं। इसके बाद, इन कंपनियों ने तुरंत उसी भूमि के विकास अधिकार लगभग 400 करोड़ रुपये में आईआरईओ समूह को बेच दिए। एक बार 400 करोड़ रुपये की राशि आईआरईओ ग्रुप से प्राप्त हुई थी, पांच शेल कंपनियों ने कई शेल कंपनियों और लेयर्स के माध्यम से एम3एम ग्रुप को फंड ट्रांसफर किया।

बंसल परिवार के पास था शेल कंपनियों का स्वामित्व

ईडी ने बताया कि सभी शेल कंपनियों का स्वामित्व और संचालन एम3एम ग्रुप द्वारा इसके प्रमोटरों, बसंत बंसल, रूप कुमार बंसल और उनके परिवार के सदस्यों के निर्देशन में किया गया था। अधिकारी ने कहा, इस तरह, आईआरईओ और एम3एम ने लगभग 400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की, जो निवेशकों और ग्राहकों के थे। इस अपराध की आय एम3एम समूह के पास रही, जिसका उपयोग अन्य निवेशों और देनदारियों का भुगतान करने के लिए किया गया था। दूसरी ओर, आईआरईओ समूह ने भूमि को विकसित करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया और हर साल निवेश को बट्टे खाते में डालना शुरू कर दिया।

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