दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) भारत की एक ऐसी कंपनी है। जो, काफी समय से सिर्फ विदेश की कई कंपनियों के साथ डील करने के लिए चर्चा में रही है, लेकिन पिछले कुछ समय से कंपनी की एक डील में काफी अटकलें आरही है। जिसके चलते वह पूरी नहीं हो पा रही है। हालांकि, हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से अनुमति मिलने के बाद कुछ उम्मीद नजर आई ही थी कि, यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट जा पहुंचा था। अब ऐसा लग रहा है कि, दोनों कंपनी को राहत मिल गई है। जिससे Amazon कंपनी को बड़ा झटका लगा होगा।
दोनों कंपनियों को मिली राहत :
दरअसल, हाल ही में RIL की रिलायंस रिटेल वेंचर कंपनी की रीटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी की खुदरा कारोबार की दिग्गज कंपनी फ्यूचर ग्रुप से साझेदारी होने की खबरें सामने आई थीं, लेकिन दोनों कंपनी की यह डील जेफ़ बेजोस की कंपनी Amazon के चलते विवादों में आ गई थी। वहीं, पिछले दिनों इस मामले में फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने दोनों कंपनियों की डील पर "यथास्थिति" बनाए रखने के फैसले पर स्टे लगा दिया है। जिससे दोनों कंपनियों को बड़ी राहत मिली है। साफ़ अक्षरों में कहे तो, कोर्ट ने अगली सुनवाई तक डील पर से रोक हटा दी है।
दिल्ली हाई कोर्ट का कहना :
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के तहत कोर्ट का कहना है कि, जब इस डील में Amazon की दिलचस्पी नहीं है तो इस डील पर "यथास्थिति" बनाए रखने की कोई जरूरत नहीं है। बता दें, सिंगल जज वाली बेंच ने मार्केट रेगुलेटर SEBI और CCI दिल्ली हाई कोर्ट में मौजूद नहीं थे। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह फैसला पहली नजर के आधार में सुनाया गया है। यह फैसला सिंगल जज वाली बेंच के फैसले के बीच नहीं आएगा। वहीं, एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट का कहना यह भी है कि, "हम इस डील के बारे में कुछ नहीं कहना चाहेंगे क्योंकि सिंगल जज वाली बेंच का फैसला सुनाया जाना अभी बाकी है।"
फ्यूचर ग्रुप ने ठुकराया दिल्ली हाई कोर्ट का प्रस्ताव :
बातते चलें, पिछले कुछ समय से फ्यूचर ग्रुप और Amazon के बीच काफी तनातनी चल रही थी। इसी के चलते 2 फरवरी को फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दिए गए, प्रस्ताव को ठुकराते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। बता दें, हाई कोर्ट के प्रस्ताव के तहत कहा गया था कि, 'फ्यूचर ग्रुप पहले Amazon कंपनी के साथ सुलह कर ले और फिर रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ 24,713 करोड़ रुपए की डील कर सकती है।' इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने दो जजों का पैनल बनाने का प्रस्ताव रखा था। जिससे फ्यूचर ग्रुप और Amazon के बीच सुलह हो सके।
दोनों कंपनियों की डील :
बताते चलें, यदि दोनों कंपनियों की इस डील को अनुमति मिल जाती है तो, यह डील कुल 24,713 करोड़ रुपये में पूरी होगी। अगर गुरुवार को हाई कोर्ट का यह फैसला फ्यूचर ग्रुप के हक़ में आता है तो, यह खबर रिलायंस और फ्यूचर को तो बड़ी राहत देगी, लेकिन इससे Amazon कंपनी को जरूर बड़ा झटका लगेगा। क्योंकि, वह शुरुआत से ही इस डील के खिलाफ थी। Amazon ने इस डील को लेकर ऐतराज इसलिए जताया था क्योंकि, साल 2019 के अगस्त में Amazon ने फ्यूचर ग्रुप में 49% हिस्सेदारी हासिल की थी और तब दोनों कंपनियों के बीच कुछ शर्ते रखी गई थीं। Amazon में मुताबिक फ्यूचर ग्रुप ने इन शर्तो का उल्लंघन किया था।
Amazon और फ्यूचर ग्रुप की डील की शर्ते :
बताते चलें, Amazon और फ्यूचर ग्रुप के बीच 2019 में 1,500 करोड़ रुपए की डील कुछ शर्तो के साथ हुई थी। जिसके तहत Amazon को निवेश द्वारा फ्यूचर ग्रुप में 49% हिस्सेदारी मिली थी। इसी डील के तहत ही निम्नलिखित शर्त रखी गई थी।
Amazon को तीन से 10 साल की अवधि के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार होगा।
फ्यूचर ग्रुप मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप की किसी भी कंपनी को अपने रिटेल असेट्स नहीं बेच सकती।
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