अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में देखने को मिली तेजी
मध्य पूर्व में हालिया तनाव ने तेल की सहज आपूर्ति में पैदा किया व्यवधान
तनाव गहराया तो अगले दिनों में कच्चे तेल में दिख सकती है और तेजी
राज एक्सप्रेस। अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में शुक्रवार के दिन तेजी देखने को मिली है। मध्य पूर्व में हाल के दिनों में नए सिरे से बढ़े तनाव ने तेल उत्पादक क्षेत्र से सहज आपूर्ति में व्यवधान पैदा कर दिया है। इसकी वजह से पूरी दुनिया में कच्चे तेल के दानों में तेजी देखने को मिली है। हालांकि इस साल अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की कमजोर उम्मीदों के बीच कच्चे तेल की कीमतों में साप्ताहिक गिरावट देखने को मिली है। ब्रेंट क्रूड वायदा 51 सेंट या 0.57% बढ़कर 420 जीएमटी तक 90.25 डॉलर प्रति बैरल हो गया है।
इसके साथ ही अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई क्रूड वायदा 61 सेंट या 0.72% बढ़कर 85.63 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। इस बढ़त ने पिछले सत्र के नुकसान को कम करने में मदद की है। ईरान के दमिश्क स्थित दूतावास पर संदिग्ध इजरायली लड़ाकू विमानों द्वारा बमबारी की गई है। इसको लेकर ईरान ने बदला लेने की कसम खाई है। इसकी वजह से गाजा युद्ध से तनावग्रस्त क्षेत्र में तनाव काफी बढ़ गया है। ईरान के सर्वोच्च नेता, अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा है कि हमले के लिए इजरायल को दंडित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा ईरान उसे दंडित करेगा। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है ईरान जल्दी ही इजरायल पर हमला कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह हमला इतना बड़ा नहीं होगा कि वाशिंगटन को हस्तक्षेप करना पड़े। इजरायल गाजा में हमास के साथ युद्धरत है। प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा है कि वह अन्य क्षेत्रों में मुकाबले की तैयारी कर रहे है्ं। इस ताजा घटनाक्रम की वजह से इस क्षेत्र में भू-राजनीतिक जोखिम उच्च स्तर पर जा पहुंचा है। इसकी वजह से पिछले कुछ समय में कच्चे तेल की कीमतों में 19 फीसदी की उछाल देखने को मिली है।
यूरोप में, जहां श्रम बाजार नरम होना शुरू हो गया है और विकास स्थिर हो रहा है, केंद्रीय बैंकरों ने गुरुवार को नीतिगत दर को अपरिवर्तित छोड़ दिया है। यूरोपीय सेंट्रल बैंक का नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का निर्णय अपेक्षित था, लेकिन उसके बयानों में यह संकेत छिपा है कि वह जरूरत पड़ने पर मौद्रिक संतुलन के लिए निकट भविष्य में नीतिगत दरों में बदलाव कर सकता है। हालांकि, अमेरिका में, फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने गुरुवार को संकेत दिया कि अमेरिकी में मुद्रास्फीति चिंता का विषय बनी हुई है, इसलिए ब्याज दरों में कटौती करने की कोई जल्दी नहीं है। माना जा रहा है कि फेड रिजर्व जून में होने वाली अपनी बैठक में भी अपनी दरों में बढ़ोतरी नहीं करेगी।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।