More ships carrying oil avoid Red Sea route
More ships carrying oil avoid Red Sea route Raj Express

लाल सागर जलमार्ग पर तेल टैंकरों का परिचालन ठप होने से ही नहीं बढ़ी क्रूड की कीमतें, और भी हैं वजहें

लाल सागर जलमार्ग एशिया को जोड़ने वाले सबसे अहम जलमार्गों में से एक है। इस पर टैंकरों का परिचालन रुकने से क्रूड की कीमतों पर क्या असर पड़ा है, आइए समझें।
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हाईलाइट्स

  • लाल सागर से होकर एशिया और यूरोप को जोड़ने वाले सबसे अहम जलमार्ग।

  • लाल सागर के समुद्री मार्ग से 8.8 ट्रिलियन डॉलर वार्षिक व्यापार होता है।

  • लाल सागर से होकर गुजरने वाले कुल माल में लगभग 9% कच्चा तेल होता है।

राज एक्सप्रेस । लाल सागर से होकर गुजरने वाला समुद्री मार्ग एशिया और यूरोप को जोड़ने वाले सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है। यह मार्ग कच्चे तेल उत्पादक मध्य पूर्वी देशों और एशियाई देशों के बीच सीधी पहुंच का सबसे सुगम रास्ता है। लाल सागर के समुद्री मार्ग से सालाना 8.8 ट्रिलियन डॉलर का व्यापार होता है। यह वैश्विक समुद्री व्यापार का लगभग 12% फीसदी है। इन आंकड़ों से हम यह आसानी से समझ सकते हैं कि यह मार्ग एशियाई और यूरोपीय देशों के बीच पहुंच के लिहाज से कितना महत्वपूर्ण है। हाल ही में हूती विद्रोहियों के कच्चे तेल के टैंकरों पर हमले के बाद लाल सागर से गुजरने वाले समुद्री व्यावसायिक मार्ग पर माल वाहक जहाजों का आवागमन बंद हो गया है।

कच्चे तेल में बढ़ोतरी की यही एकमात्र वजह नहीं

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी वजह से ही हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का यही एकमात्र कारण नहीं है। कच्चे तेल की कीमत में तेजी के लिए कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हैं। दरअसल, वैश्विक अर्थव्यवस्था इस समय कोरोना महामारी से धीरे-धीरे उबरने की कोशिश कर रही है। इस स्थिति में, स्वाभाविक रूप से, ईंधन की मांग लगातार बढ़ रही है। इस वजह से कच्चे तेल की कीमतों पर दबाव बढ़ा है। उधर, पेट्रोलियम उत्पादक देशों का संगठन ओपेक कच्चे तेल का उत्पादन कम करने का प्रयास कर रहा है।

कीमतों में वृद्धि के लिए कई अन्य कारण जिम्मेदार

इसके साथ ही कच्चे तेल की कीमतें यूक्रेन युद्ध, ओपेक के उत्पादन पर अंकुश लगाने और वैश्विक अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता जैसे कई कारकों से पहले से ही अस्थिर चल रही हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध ने भी कच्चे तेल की आपूर्ति श्रंखला में बड़ा व्यवधान पैदा किया है। इसके साथ ही, मध्य पूर्व संकट अब व्यापक रूप से विस्तार लेते हुए पूरे मध्यपूर्व को प्रभाव में लेता दिखाई दे रहा है। स्वाभाविक रूप से इससे इस क्षेत्र की कारोबारी गतिविधियां प्रभावित होंगी और अनिश्चितता को प्रोत्साहन मिलेगा। तेल उत्पादक देशों का संगठन (ओपेक) अपना उत्पादन घटाने का प्रयास कर रहा है, जिसकी वजह से बाजार में मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर बढ़ा है। यह स्थिति जारी रही तो कच्चे तेल की कीमत बढ़ना तय है।

अमेरिकी डॉलर में मजबूती ने भी क्रूड की कीमत बढ़ाई

यह एक ऐसी स्थिति है, जो अगले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी को प्रोत्साहित करेगी। कच्चे तेल का मूल्य बढ़ने की एक और अहम वजह यह है कि पिछले कुछ समय से डॉलर मजबूत हो रहा है। डॉलर मजबूत होने की वजह से अन्य वस्तुओं की तरह ही, कच्चे तेल की कीमत में भी डॉलर के हिसाब से बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह से कच्चा तेल खरीदना महंगा पड़ रहा है। तेल टैंकरों पर हमलों के बाद लाल सागर में तेल टैंकरों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। इसका एक सीमा तक कच्चे तेल की कीमतों पर असर मान लिया जाए, तो भी यह एक अस्थाई स्थिति है और लंबे समय में इसका कोई असर नहीं दिखेगा।

अमेरिका ने हूतियों के ड्रोन्स व मिसाइलों को मार गिराया

अमेरिका और अन्य देशों ने हूती हमलावरों के ड्रोन्स पर हमले तेज किए हैं। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में बताया कि अमेरिकी विध्वंसक और एफ/ए-18 लड़ाकू विमानों ने दक्षिणी लाल सागर पर हूतियों के 12 हमलावर ड्रोन्स, 3 बैलिस्टिक मिसाइलों और 2 जमीनी अटैक क्रूज मिसाइलों को मार गिराया है। अमेरिका और कई अन्य देशों ने समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक संयुक्त समुद्री टास्क फोर्स का गठन किया है। यह मार्ग पूरी तरह सुरक्षित होने के अमेरिकी दावे के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंटेनर लाइन, ए.पी. मोरे-माअर्स्क ए/एस ने कहा अब वह लाल सागर के इस समुद्री मार्ग पर फिर से समुद्री जहाजों का परिचालन शुरू करने की तैयारी कर रही है।

यह एशिया व यूरोप को जोड़ने वाले सबसे अहम जलमार्ग

उससे उम्मीद बंधी है कि इस मार्ग पर जल्दी ही यातायात सामान्य हो जाएगा । लाल सागर से गुजरने वाला समुद्री व्यापार मार्ग एशिया और यूरोप को जोड़ने वाले सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है। यह मार्ग कच्चे तेल उत्पादक मध्य पूर्वी देशों और एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार लाल सागर के समुद्री मार्ग से 8.8 ट्रिलियन डॉलर वार्षिक व्यापार होता है। यह वैश्विक समुद्री व्यापार का लगभग 12 फीसदी है। यह भी गौर करने वाली बात है कि लाल सागर से होकर गुजरने वाले कुल माल में लगभग 9% कच्चा तेल होता है। यानी करीब 792 बिलियन अमरीकी डॉलर का कच्चा तेल इस मार्ग से हर साल गुजरता है। लाल सागर व्यापार मार्ग एशिया और यूरोप को जोड़ने वाले सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है। यह विशेष रूप से तेल निर्यातक मध्य पूर्वी देशों और एशियाई अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।

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