Crude Oil Price Fall : जब भी कभी दो देशों के बीच युद्ध होता है तो उसका नुकसान सिर्फ उन देशों को ही नहीं होता है। बल्कि, उन दोनों देशों के साथ ही यह नुकसान अन्य देशों को भी झेलना पड़ता है। वहीं, यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे इस युद्ध में के चलते भारत भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। हालात यह हैं कि, अब भारत में बढ़ती महंगाई के बीच पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी बढ़ना शुरू हो गई हैं, लेकिन इसके बावजूद भी लगातार बढ़ रही कच्चे तेल (क्रूड ऑइल) की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है।
क्रूड ऑइल की कीमतों में गिरावट :
दरअसल, भारत में आज भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़त दर्ज हुई है, लेकिन इस बीच क्रूड ऑइल की कीमतों में गिरावट दर्ज हुई है। हालांकि, इसका मुख्य कारण चीन के शंघाई में फिर से फैलना शुरू हुआ कोरोना वायरस का प्रकोप माना जा रहा है। इतना ही नहीं इसके चलते वहां एक बार फिर 9 दिन का लॉकडाउन लगा दिया गया है। इस लॉकडाउन के लगने के बाद आज सोमवार को वैश्विक बाजार में क्रूड ऑइल की कीमतों में गिरावट दर्ज हुई। इस मामले में सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, शंघाई में सोमवार से नौ दिन का लॉकडाउन लगाया गया है। जिसका असर क्रूड ऑइल पर दिखा है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि चीन कच्चे तेल का सबसे बड़ा इम्पोटर (आयातक ) है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड :
बताते चलें, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 3.39 डॉलर की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट के बाद इसकी कीमत 117.26 डॉलर प्रति बैरल और अमेरिकी क्रूड 3.41 डॉलर की कीमत गिरकर 110.49 डॉलर प्रति बैरल पर आ पहुंची।
विश्लेषकों का मानना :
विश्लेषकों का मानना है कि, दुनियाभर में चीन क्रूड ऑइल का सबसे बड़ा इम्पोटर (आयातक) माना जाता है और संघाई में लगे लॉकडाउन के चलते वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की मांग घटने की संभावना नजर आने लगी है, जिससे ब्रेंट क्रूड के दाम तीन डॉलर प्रति बैरल से भी अधिक गिर गए गये हैं। यहीँ कारण है कि, चीन का शेयर बाजार शंघाई कंपोजिट भी गिरावट के साथ खुला। हालांकि, कुछ देर के बाद उछाल भी देखने को मिला।
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