Crisil Report : खाने की थाली पर महंगाई का तड़का लगने से भूख मिटाना भी हुआ महंगा
राज एक्सप्रेस। अगर आप बाहर खाने के शौखिन हैं। चाहे आप मांसाहारी हो या शाकाहारी। आपके लिए एक निराश करने वाली खबर है। खबर यह है कि, देश में बढ़ रही इस भारी महंगाई के बीच शाकाहारी और मांसाहारी दोनों ही थाली की कीमत में बढ़त दर्ज हुई है। जिससे अब लोगों की भूख मिटाना भी महंगा पड़ सकता है।
भूख मिटाना भी पड़ सकता महंगा :
हम में से ज्यादातर लोग जब कहीं सिर्फ भूख़ लगने पर खाना खाने जाते हैं तो, एक थाली लेना पसंद करते हैं। जिसमें कुछ रोटी, सब्ज, दाल और चावल लगभग सभी चीजें होती हैं और एक व्यक्ति के लिए एक थाली भरपूर होती है। ऐसे में अब कमोडिटी की कीमतें लगातार बढ़ने के चलते अप्रैल-दिसंबर 2022 में शाकाहारी और मांसाहारी की कीमतें बढ़ी। इनमें शाकाहारी थाली की कीमत में 9% और मांसाहारी थाली की कीमत में 32% से ज्यादा दर्ज हुई है। इस मामले में क्रिसिल ने एक रिपोर्ट जारी की है।
क्रिसिल की रिपोर्ट :
क्रिसिल की रिपोर्ट (Crisil Report) की मानें तो, अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान चिकन की कीमत में 55% से ज्यादा बढ़त दर्ज हुई है। हालांकि, चिकन के साथ ही गेहूं के आटे, सब्जियों और LPG की कीमत भी इस बढ़त का कारण बने हैं। इन चारों की कीमत में दर्ज हुई बढ़त के कारण ही दोनों थालियों की कीमत में इजाफा हुआ है। यदि अन्य वस्तुओं की कीमत देखी जाए तो गेहूं के आटे की कीमत में 15%, सब्जियों की कीमत में 6% और LPG की कीमत में 20% की बढ़त दर्ज हुई है। हालांकि, थाली की कीमतें जनवरी 2023 से अब तक स्थिर ही थी। बल्कि तब मांसाहारी थाली की कीमत 2% घट और गई थी।
अप्रैल में दर्ज हुई गिरावट :
क्रिसिल की रिपोर्ट से यह जानकारी भी सामने आई है कि, अप्रैल में खाद्य तेल और चिकन के भाव में सालाना आधार पर 16% और 2-4% तक की गिरावट दर्ज हुई है। जबकि, गेहूं के आटे में 12% और LPG की कीमत में 11% सालाना आधार पर बढ़त दर्ज हुई हैं। इस बढ़त के बाद अब से आने मार्केट में मिलने वाली थाली की कीमत में कमी दर्ज होने की संभावना ना के बराबर हो गई है।
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