मध्यपूर्व के तनाव, तेल के मूल्य में वृद्ध जैसे कारणों से प्रभावित नहीं होगा देश का विकासः नागेश्वरन
हाईलाइट्स
एन चंद्रशेखरन ने कहा वैश्विक शासन की जटिलताएं 2024 में ऊंचाइयों पर जा पहुंचेगीं।
रेड सी में तेल का आवागमन रुकने से तेल की आपूर्ति स्थाई रूप से प्रभावित नहीं होगी।
मेरे लिए RBI के 7% वृद्धि दर के अनुमान पर आशंका प्रकट करने का कोई कारण नहीं।
राज एक्सप्रेस । मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने आश्वस्त किया कि मौजूदा वैश्विक मंदी और मध्यपूर्व में बढ़ते तनाव की वजह से तेल कीमतों में तेजी की वजह से देश का आर्थिक विकास अगले वित्त वर्ष 2024-25 में किसी भी तरह प्रभावित होने की संभावना नहीं है। बता दें कि पिछले दिनों टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा था कि वैश्विक शासन की जटिलताएं 2024 में नई ऊंचाइयों पर पहुंच जाएंगी। चंद्रशेखरन की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया करते हुए नागेश्वर ने कहा कि उनकी यह धारणा इस बात पर आधारित है कि वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कमी किए जाने से पैदा होने वाली स्थिति और लाल सागर के व्यापारिक मार्ग पर आवागमन बाधित होने से तेल की आपूर्ति बाधिक हो जाएगी। जिसकी वजह से अंततः आर्थिक गतिविधियों में नरमी आएगी।
तेल के आवागमन में गतिरोध स्थाई संकट नहीं
एसबीआइ द्वारा आयोजित आर्थिक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हाल के दिनों में पैदा होने वाले गतिरोधों के कारण तेल की आपूर्ति में गतिरोध पैदा हो जाएगा और ऊर्जा की मांग इतनी बढ़ जाएगी कि उसकी वजह से 2024 में तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी। भू-राजनीतिक स्थिति, जेनरेटिव एआइ के बढ़ते प्रयोग और लाल सागर में मालवाहक जहाजों की सामान्य गतिविधियों में गतिरोध पैदा होना, प्रासंगिक मुद्दे हैं। पर ये इतने गंभीर नहीं हैं कि मांग को स्थाई रूप से प्रभावित कर सकें।
सात फीसदी विकास दर पर अविश्वास की कोई वजह नहीं
नागेश्वरन ने कहा, मेरे लिए आरबीआइ के 7 प्रतिशत वृद्धि दर के अनुमान के प्रति आशंकाएं प्रकट करने का कोई कारण नहीं है। मेरा मानना है कि देश की अर्थव्यस्था अगले साल भी वृद्धिमान गति से बढ़ती रहेगी। नागेश्वर ने एसबीआइ के आर्थिक सम्मेलन में कहा मुझे नहीं लगता कि ऊर्जा की मांग इतनी बढ़ सकती है कि 2024 में तेल की कीमतों को प्रभावित करने लगेगी । भू-राजनीतिक स्थिति और लाल सागर में मालवाहक जहाजों की गतिविधियों के साथ क्या हो रहा है, ये प्रासंगिक मुद्दे हैं। लेकिन ये इतने गंभीर नहीं हैं कि मांग को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकें।
चंद्रशेखरन ने कहा था नए साल में बढ़ जाएंगी वैश्विक जटिलताएं
नागेश्वरन ने कहा मेरा विचार है कि अगर तेल के दाम बढ़ते हैं, उससे आर्थिक गतिविधियों में नरमी आएगी। नागेश्वरन ने कहा मेरे लिए आरबीआइ के 7 प्रतिशत वृद्धि दर के अनुमान को लेकर भरोसा नहीं करने का कोई कारण नहीं है। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है वैश्विक शासन की जटिलताएं 2024 में नई ऊंचाइयों पर पहुंच जाएंगी। लिहाजा अधिक व्यवधानों और उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहने की जरूरत है। चंद्रशेखरन ने टाटा समूह के कर्मचारियों को भेजे अपने नववर्ष संदेश में 2023 को 'एक अशांत वर्ष' बताते हुए कहा कि इस साल दुनिया को अस्थिर प्रवृत्तियों का सामना करना पड़ा।
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