उपभोक्ता मंत्रालय ने बदले अगले वित्तवर्ष के लिए पैकेट बंद उत्पाद के नियम

उपभोक्ता मंत्रालय ग्राहकों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए अगले वित्तवर्ष के लिए पैकेट बंद उत्पाद पर नए नियम लागू कर दिए हैं। हालांकि, अगले कुछ महीने पुराने नियम ही लागू रहेंगे।
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राज एक्सप्रेस। देशभर में खाद्य उत्पाद को लेकर उपभोक्ता मंत्रालय समय समय पर नियमों में बदलाव करते आया है। यह बदलाव ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किए जाते हैं। वहीं, अब उपभोक्ता मंत्रालय ग्राहकों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए अगले वित्तवर्ष के लिए पैकेट बंद उत्पाद पर नए नियम लागू कर दिए है। हालांकि, अगले कुछ महीने पुराने नियम ही लागू रहेंगे।

उपभोक्ता मंत्रालय ने बदले नियम :

दरअसल, उपभोक्ता मंत्रालय ने ग्राहकों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए अगले वित्तवर्ष के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। जो अगले साल अप्रैल 2022 से संचालन में कर दिए जाएंगे। कई बार आपके दिमाग में ऐसा सवाल आता होगा कि, यदि किसी वस्तु पर लिखी कीमत पूरे प्रॉडक्ट की कीमत है तो प्रति वस्तु की कीमत क्या होगी। इसी सवाल का उत्तर देने के लिए यह नया नियम लागू किया गया है। क्योंकि, इस नियमों के तहत किसी पैकेट बंद उत्पाद पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) यानी वास्तु की कीमत के साथ ही कंपनियों को वस्तु की प्रति इकाई कीमत भी बतानी पड़ेगी।

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया :

बताते चलें, अप्रैल, 2022 से पैकेट बंद उत्पाद जैसे चावल, आटा, बिस्कुट आदि खरीदने पर उसकी प्रति इकाई की कीमत का भी पता चल सकेगा। इस मामले में उपभोक्ता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया है कि,

'अप्रैल, 2022 से पैकेट बंद उत्पादों पर कंपनियों को अधिकतम खुदरा मूल्य के साथ उसकी प्रति इकाई कीमत भी बतानी होगी। इससे पता चलेगा कि किसी कंपनी का उत्पाद अन्य कंपनी के मुकाबले सस्ता है अथवा महंगा। अभी ग्राहक अगर 3.5 किलोग्राम के आटे का पैकेट या 88 ग्राम के बिस्कुट का पैकेट खरीदता है, तो उसे सिर्फ अधिकतम खुदरा मूल्य ही लिखा मिलता है। नया नियम लागू होने के बाद कंपनियों को यह भी बताना होगा कि आटे का प्रति किलोग्राम या बिस्कुट की प्रति ग्राम क्या कीमत वसूली जा रही है। इससे ग्राहकों को फैसला लेने में आसानी होगी।'

उपभोक्ता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी

उपभोक्ता मंत्रालय ने किए चार बदलाव :

अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उपभोक्ता मंत्रालय ने निम्लिखित चार बदलाव किए है।

  • पहला बदलाव - कंपनियों को पैकेट पर कीमत xx.xx फॉर्मेट में ही लिखना होगा।

  • दूसरा बदलाव - अगर कोई कंपनी सिर्फ xx फॉर्मेट में ही कीमत बताती है और .xx नही लिखती, तो उस कंपनी के खिलाफ नोटिस जारी किया जाएगा।

  • तीसरा बदलाव - कंपनी को पैकेट पर इकाई या संख्या को भी तय फॉर्मेट में बताना होगा, जो xxN अथवा xxU होगा। अगर कोई कंपनी xxNO अथवा xxUO लिखती है, तो इसे भी नियमों का उल्लंघन मानकर नोटिस जारी किया जाएगा।

  • चौथा बदलाव - मंत्रालय द्वारा यह बदलाव आयातित उत्पादों के लिए किया गया है, जिस पर कंपनियों को सिर्फ विनिर्माण की तिथि लिखनी होगी। जबकि, वर्तमान समय में आयात, पैकेजिंग और विनिर्माण तिथि तीनों का विकल्प मिलता है।

नियम में किया गया संशोधन :

बताते चलें, इन नियमों में बदलाव सरकार पैकेट बंद उत्पाद के विधि नियम, 2011 में संशोधन के साथ करने जा रही है, जिसके तहत शुरुआत में 19 तरह की कमोडिटी को शामिल किया जाएगा।

  • अगर किसी पैकेट का भार एक किलोग्राम से ज्यादा है, तो उस पर प्रति किलोग्राम मूल्य अंकित करना होगा।

  • एक किलोग्राम से कम भार वाले पैकेट पर प्रति ग्राम मूल्य अंकित करना जरूरी होगा।

  • कंपनियां चावल और आटे जैसे उत्पादों को 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम, एक किलोग्राम, 1.25 किलोग्राम, 1.5 किलोग्राम, 1.75 किलोग्राम, जो किलोग्राम और पांच किलोग्राम के पैकेट में जारी करेंगी।

  • पांच किलो के गुणक यानी 10, 15, 20 किलोग्राम के पैकेट देने होंगे।

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