राज एक्सप्रेस। देश के कई राज्यों को पिछले कुछ समय से लगातार मेट्रो सिटीस में तब्दील करने का काम जारी है। इसी बीच लॉकडाउन के चलते कई जगह का काम रुक गया था, लेकिन एक बार फिर देश में यह काम शुरू हो गया है। वहीं, इन्हीं योजनाओं में शामिल दिल्ली-मेरठ RRTS परियोजना के तहत न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक भी मेट्रो मार्ग बनाया जाएगा। देश में आत्मनिर्भर भारत की मुहीम के बीच भी इस मार्ग के निर्माण कार्य का काम एक चीनी कंपनी को दिया गया है।
NCRTC ने दिया ठेका :
दरअसल, देश में बनने वाले दिल्ली-मेरठ त्वरित रेल परिवहन प्रणाली (RRTS) परियोजना के तहत न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक 5.6 किलोमीटर के भूमिगत मार्ग के निर्माण का ठेका राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) द्वारा एक चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को दिया गया है। बता दें, देश की पहली क्षेत्रीय RRTS क्रियान्वित करने वाली NCRTC द्वारा ठेका देने की प्रक्रिया पूरी की गई है।
प्रवक्ता ने बताया :
NCRTC के एक प्रवक्ता ने बताया है कि, 'यह ठेका निर्धारित प्रक्रिया और दिशानिर्देशों के तहत दिया गया है। इसके लिए बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित बोलियों के लिए विभिन्न स्तरों पर स्वीकृति लेनी होती है। अब, 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारे के सभी सिविल काम के लिए निविदाएं दे दी गई हैं और समय पर परियोजना को चालू करने के लिए निर्माण पूरे जोरों पर चल रहा है। बताते चलें, NCRTC द्वारा न्यू अशोक नगर से दिल्ली गाजियाबाद मेरठ RRTS गलियारे के साहिबाबाद तक सुरंग के निर्माण के लिए बोलियां 9 नवंबर, 2019 को आमंत्रित की थीं।
STEC द्वारा सबसे कम बोली लगाई :
बताते चलें, लद्दाख में LAC पर हुए भारत और चीन के बीच तनाव के बीच दिल्ली-मेरठ RRTS परियोजना की 5.6 किलोमीटर सुरंग के निर्माण के लिए STEC द्वारा सबसे कम बोली लगाई गई। बता दें, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ के बीच 82 किलोमीटर लंबे RRTS कॉरिडोर को बनाने में एशियाई विकास बैंक (ADB) फंडिंग करेगा। इसमें खरीद की प्रक्रिया बैंक और सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के आधार पर संचालित की जा रही है। एशियाई विकास बैंक की खरीद दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक के सभी सदस्य देशों के विक्रेता बिना किसी भेदभाव के बोली प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
अपनी तरह की पहली परियोजना :
गौरतलब है कि, रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) भारत में लागू होने वाली अपनी तरह की पहली परियोजना है। 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की परिचालन गति के साथ RRTS NCR को रीजनल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर तीन प्राथमिकता वाले RRTS कॉरिडोर में से एक है जिसे फेज-1 में लागू किया जा रहा है।
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