चीनी ऐप्स की बाजार हिस्सेदारी भारतीय बाजार में काफी घट गई

पिछले साल भारत की डिजिटल स्ट्राइकों से चीन को काफी बड़ा झटका लगा था। वहीं, अब चीन को एक और बड़ा झटका यह जान कर लगा होगा कि, भारतीय बाजार में चीनी ऐप्स की बाजार हिस्सेदारी काफी घट गई है।
चीनी ऐप्स की बाजार हिस्सेदारी भारतीय बाजार में काफी घट गई
चीनी ऐप्स की बाजार हिस्सेदारी भारतीय बाजार में काफी घट गईSyed Dabeer Hussain - RE
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राज एक्सप्रेस। पिछले साल भारत और चीन के बीच हुए विवादों के बाद भारत का चीन के प्रति सख्त रवैया किसी से छुपा नहीं है। सभी को पता है कि, भारत ने चीनी ऐप्स के खिलाफ एक नहीं दो नहीं बल्कि कई बार डिजिटल स्ट्राइक की थी। जिससे चीन को काफी बड़ा झटका लगा था। वहीं, अब चीन को एक और बड़ा झटका यह जान कर लगा होगा कि, भारतीय बाजार में चीनी ऐप्स की बाजार हिस्सेदारी काफी घट गई है।

AppsFlyer ने जारी की रिपोर्ट :

दरअसल, पिछले साल 2020 में चीनी ऐप्स के बैन होने का असर अब नजर आरहा है क्योंकि, उस बैन के कारण ही अब भारतीय बाजार में चीनी ऐप्स की बाजार हिस्सेदारी काफी घट गई है, जबकि यदि यूजर्स द्वारा इंस्टॉल किए गए नंबर को देखा जाये तो उस आधार पर स्वदेशी ऐप्स का की हिस्सेदारी बढ़ गई है। इस बात का खुलासा मोबाइल वर्क रिलेशन और मार्केट एनालिसिस की वैश्विक संस्था ऐप्सफ्लायर (AppsFlyer) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट 'स्टेट्स ऑफ ऐप मार्केटिंग इन इंडिया इन 2021' से हुआ।

क्या है इस रिपोर्ट में ?

बताते चलें, AppsFlyer द्वारा 'स्टेट्स ऑफ ऐप मार्केटिंग इन इंडिया इन 2021' नाम की एक रिपोर्ट जारी की गई है। जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि, 'अर्ध-शहरी क्षेत्रों की मदद से भारत की ऐप इकोनॉमी में बढ़ोतरी हुई, और घरेलू ऐप ने विदेशी कंपनियों को पछाड़ते हुए मोबाइल बाजार हिस्सेदारी में अपना वर्चस्व कायम किया है।' रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, चीनी ऐप की कुल बाजार हिस्सेदारी (29%) काफी कम हो गई है, जबकि भारतीय ऐप ने 2020 में मौके का लाभ उठाया और उसकी बाजार हिस्सेदारी 40% हो गई।'

AppsFlyer के रीजनल मैनेजर ने बताया :

AppsFlyer के रीजनल मैनेजर संजय त्रिसाल ने जानकारी देते हुए बताया है कि, 'भारतीय ऐप की इस तेजी से बढ़ते बाजार में इजरायल, अमेरिका, रूस और जर्मनी के ऐप तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं और वे चीन को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। स्टडी के तहत 1 जनवरी से 30 नवंबर 2020 के बीच भारत में कुल 7.3 अरब 'इंस्टॉलेशन' का विश्लेषण किया गया, जिसमें मनोरंजन, फाइनेंस, शॉपिंग, गेमिंग, ट्रैवल, न्यूज, फूड और बिवरेज और यूटिलिटी से संबंधित 4519 ऐप शामिल हैं।'

सेमी-अर्बन क्षेत्रों की मांग से इंडियन ऐप की खपत :

AppsFlyer ने अपने बयान में यह भी बताया है कि, 'डेटा सैंपल में 933 बिलियन (93300 करोड़) ऐप ओपन 3 बिलियन (300 करोड़) रीमार्केटिंग ट्रांसफॉर्मेशन शामिल हैं। सेमी-अर्बन क्षेत्रों की मांग ने इंडियन ऐप की खपत को बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश, जो भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, ने 12.10% पर नॉन-ऑर्गनिक एस्टाब्लिशड (एनओआई) बाजार का नेतृत्व किया, जो महाराष्ट्र में 11.49% 'लॉकडाउन के प्रभाव के कारण' पीछे रह गया। सस्ते मोबाइल डेटा और हैंडसेट की उपलब्धता के कारण, टियर 2, 3, और 4 शहरों में गेमिंग, फाइनेंस और मनोरंजन में मोबाइल उपयोग में वृद्धि देखी गई। संजय त्रिसाल के मुताबिक क्षेत्रीय इलाकों में इंडियन ऐप डेवलपर्स के लिए काफी अवसर तैयार हो सकते हैं।'

मेड इन इंडिया शॉर्ट वीडियो ऐप्स तेजी से बढ़ी :

जारी की गई रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि, भारत सरकार द्वारा जून में बैन की गई चीनी ऐप Tiktok के बाद चिंगारी, रोपोसो जैसी कई भारतीय शॉर्ट वीडियो मेकिंग और शेयरिंग ऐप्स लांच की गई थी। इन्हीं ऐप्स ने काफी से तेजी से बढ़त हासिल की है। जबकि रोपोसो की पहुंच तो देश के 40% स्मार्टफोन तक पहुंच गई है।

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