भारत के FDI फैसले पर चाइना ने की भारत को धमकी देने की कोशिश

भारत द्वारा FDI के नियमों में जब से बदलाव किया गया है, तब से यह मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है। इन नियमों में बदलाव से बौखलाए चाइना ने भारत को मेडिकल सप्लाई बैन की धमकी देने की कोशिश की।
China tried to threaten India
China tried to threaten India Kavita Singh Rathore -RE
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राज एक्सप्रेस। भारत द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों में जब से बदलाव किया गया है, तब से यह मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ है। इन नियमों में बदलाव से बौखलाए चाइना ने भारत को मेडिकल सप्लाई बैन की धमकी देने की कोशिश की। बता दें, बौखलाया चाइना पहले भी भारत को वर्ल्ड ट्रेड ऑग्रनाइज़ेशन (WTO) के नियमों का उलंघन करने का जिम्मेदार ठहरा चुका है। वहीं, अब चाइना की यह धमकी सामने आई है।

चाइना की धमकी :

भारत द्वारा FDI के नियमों में बदलाव से भड़के चाइना ने वहां की सरकार के मुखपत्र यानि सरकारी अखबार 'ग्लोबल टाइम्स' द्वारा भारत को धमकी देते हुए कहा कि, चाइना भारत में मेडिकल सप्लाई को बैन कर सकता है। बता दें, ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया है जिसमे लिखा है कि, "चाइना के वर्कफोर्स को धन्यवाद, चाइना अपने और पूरी दुनिया के लिए मेडिकल सप्लाई करने में सक्षम है। भारत को ऐसा लगता है कि, चाइना कोरोना वायरस का फायदा उठाते हुए भारत की कंपनियों का अधिग्रहण कर सकता है इतना ही नहीं चाइना भारतीय शत्रु की कुछ कंपनियों पर नियंत्रण भी स्थापित कर सकता है लेकिन भारत का यह सोचना पूरी तरह से गैर जरूरी है। भारत सरकार का यह फैसला वैकल्पिक था क्योंकि पहले के नियम भारत की कंपनी को अधिग्रहित होने से बचाने में सक्षम थे।"

ग्लोबल्स टाइम का दावा :

ग्लोबल्स टाइम ने अपने प्रकाशन द्वारा यह भी दावा किया है कि, "भारत द्वारा लिए गए इस फैसले से भले ही भारत को दूसरे देशों कि मदद मिलेगी और भारत में अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए मौके तलाश रही जापानियों दक्षिण कोरियाई कंपनियों का मौका मिल जाए, लेकिन इन सबके बाद भी भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चाइना की जगह कोई नहीं ले पाएगा। रिपोर्ट में आगे लिखा कि, संभावना तो ऐसी भी है कि, भारत अगला मेनिफेक्चर हब बन जाए, लेकिन वर्तमान में आर्थिक संकट की वजह से आपूर्ति की चेन बाधित है। कहा जा सकता है कि, भारत को मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बनने के मकसद को पूरा करने में अभी काफी समय लग सकता है ऐसे भारत को चाइना के साथ सहयोग बढ़ाना चाहिए।"

अखबार में आगे लिखा है कि, "चाइना की कंपनियों के लिए भारत यदि दरवाजे बंद करता है तो दूसरी खिड़कियां भी खुल सकती हैं। अखबार में कही गई बात का सीधा मतलब यह था कि, यदि भारत महामारी खत्म होने के बाद चाइना को भारत में निवेश करने की अनुमति नहीं देता है तो, चाइना दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की कंपनियों में निवेश करेगा जो चाइना से मदद लेने में काफी इच्छुक भी है।"

हालांकि, भारत ने ग्लोबल टाइम्स द्वारा लिखी गई इस बात को नजरअंदाज कर दिया है। साथ ही भारत अपने FDI के नियमों में बदलाव वाले फैसले पर अटल है।

चाइना पर निर्भर भारत :

बताते चलें, चाइना ने 'ग्लोबल टाइम्स' द्वारा दी इस धमकी का सीधा मलतब मेडिकल सप्लाई को भारत में बैन करने से है। क्योंकि, भारत में बड़े स्तर पर दवाइयां चाइना से आती हैं और भारत मेडिकल सप्लाई के लिए एक बड़े पैमाने पर चाइना पर निर्भर है और भारत दवाइयों का ज्यादातर कच्चा माल वहीं से खरीदता है। यदि चाइना मेडिकल की सप्लाई बैन कर देता है तो, भारत को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। भारत द्वारा तय किये गए FDI के नए नियम और उनमें किये गए बदलाव पर बौखलाए चाइना ने भारत पर पहले जो इल्जाम लगाएं थे उससे जुड़ी जानकारी के लिए - क्लिक करें

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