राज एक्सप्रेस। चीन से ही फैली जानलेवा कोरोना महामारी का प्रकोप पूरी दुनिया के देशों में तेजी से बढ़ रहा है, वहीं, दूसरी तरफ चीन अपनी हरकरतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन द्वारा लद्दाख बॉर्डर हमले के बाद से ही भारत की मोदी सरकार ने चीन के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए भारत में चाइना के सामान का बहिष्कार करना शुरू कर दिया था। भारत ने सुरक्षा का हवाला देते हुए चीन के पहले 59 ऐप्स बैन किए थे, वहीं भारत ने एक बार फिर चीन के 47 अन्य ऐप्स भारत में बैन कर दिए हैं। जिसके बाद चीन काफी बौखलाया हुआ है। साथ ही चीन ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है।
चीन की तीखी प्रतिक्रिया :
दरअसल, भारत द्वारा 59 चीनी ऐप्स पर बैन करने के बाद एक बार फिर 47 अन्य चीनी ऐप्स जो कि, बैन की गई एप्स के ही क्लोन थे। उन्हें भी बैन कर दिया है। इस फैसले के बाद चीन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अपना बयान दिया है। चीन का कहना है कि, भारत के इस फैसले से चीन की बैन की सभी कंपनियों के हितों और वैधानिक अधिकारों को काफी नुकसान हुआ है।
चीन के प्रवक्ता ने दी चेतावनी :
चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग का कहना है कि, भारत के इस फैसले से चीनी कंपनियों को जो नुकसान उठाना पड़ा है उसका जिम्मेदार भारत है। भारत को अपनी गलती सुधारते हुए चीनी कारोबारियों और विदेशी निवेशकों के अधिकारों का ध्यान रखना चाहिए। भारत जानबूझकर ऐसा कर रहा है। उन्होंने भारत को चेतावनी दी है कि, चीनी सरकार ने हमेशा चीनी एंटरप्राइजेज से अंतरराष्ट्रीय नियमों और स्थानीय नियमों को पालन करने के लिए ही कहा है।
प्रवक्ता जी रोंग का कहना है कि, भारत को यह सोचना चाहिए कि, दोनों देशों के बीच व्यावहारिक सहयोग दोनों देशों के लिए ही फायदेमंद साबित होता आया है। यदि भारत ऐसा ही रवैया रखेगा और चीन का सहयोग नहीं करेगा तो, चीन की तरफ से चीनी कंपनियों के अधिकारों के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
275 ऐप्स की लिस्ट :
बताते चलें, फिलहाल सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा इन बैन की है 47 चाइनीज ऐप की लिस्ट जारी नहीं की गई है। लेकिन खबरों के अनुसार यह ऐप्स पहले बेन हुई ऐप्स के ही क्लोन थे। इन 47 बैन हुई ऐप्स में टिक-टॉक लाइट, हेलो लाइट, शेयरइट लाइट, बिग लाइव लाइट और VFY लाइट जैसे ऐप्स शामिल हैं। खबरों की माने तो, भारत द्वारा कुल 275 संदिग्ध ऐप्स की एक लिस्ट तैयार की गई है। जिन्हे भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बैन कर सकता है। हालांकि, फ़िलहाल यह ऐप्स भारत की निगरानी में है। भारत सरकार को शक है कि, इन ऐप्स के द्वारा भारत का डाटा शेयर किया जाता है।
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