राज एक्सप्रेस। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अपने सदस्यों को उनकी भविष्य निधि (PF ) पर 8.65 फीसदी के बजाय अब 8.5 प्रतशित ही ब्याज देगा। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों में 0.15 फीसदी कटौती की गई है। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार के अनुसार अब नई ब्याज दर पिछले 7 सालों में सबसे कम है। इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 में पीएफ पर ब्याज दर 8.5 फीसद दी थी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) निवेश पर कम रिटर्न मिलने की वजह से पहले से संभावना जताई जा रही थी कि, 5 मार्च को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में प्रोविडेंट फंड (पीएफ) जमा पर ब्याज दर घटाने का फैसला लिया जाएगा। दरअसल, लॉन्ग टर्म एफडी, बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों से ईपीएफओ को मिलने वाले रिटर्न में सालभर में 50-80 बेसिस पॉइंट्स की कमी आई है।
भारत सरकार के श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बैठक के बाद कहा, ''ईपीएफओ ने सीबीटी की आज हुई बैठक में 2019-20 के लिये भविष्य निधि जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने का निर्णय किया है। मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर 8.5 प्रतिशत ब्याज देने से ईपीएफओ के पास 700 करोड़ रुपये का अधिशेष होगा।
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार EPFO ने 18 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है। इस में से करीब 4500 करोड़ रुपये दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज में लगाए गए हैं। इन दोनों को ही भुगतान करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डीएचएफएल जहां बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रॉसेस से गुजर रही है, वहीं IL & FS को बचाने के लिए सरकारी निगरानी में काम चल रहा है। ईपीएफओ अगर 8.55 प्रतिशत ब्याज देता तो उसके पास 300 करोड़ रुपये का अधिशेष रहता। इससे ज्यादा ब्याज देने पर ईपीएफओ को नुकसान होता।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।