राज एक्सप्रेस। देश का आयकर विभाग हर छोटे-बड़े हर तरह के औद्योगिक-समूह पर निगरानी रखता है। यदि कहीं भी कोई घोटाला या धोखाधड़ी होती है तो, आयकर विभाग उस संस्था पर छापामारी करते हुए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करता है। वहीं, बीते कुछ समय में आयकर विभाग ने कई बड़ी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई और छापेमारी भी की है। इससे समझ आता है कि, यह विभाग अपना कार्य पूरी ईमानदारी से करता है। इसके बाद भी यदि कोई कमी रह जाती हो तो उसमें सुधार और घरेलू अर्थव्यवस्था को 'मजबूत' करने के लिए निणर्यों से रिकॉर्ड प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ है। इस बारे में जानकारी CBDT के चेयरमैन ने दी है।
आयकर विभाग में सुधार के लिए रिकॉर्ड प्रत्यक्ष कर संग्रह :
दरअसल, बीते काफी समय से भारत सरकार का आयकर विभाग काफी सक्रिय नजर आ रहा है। वहीं, अब केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन जेबी मोहपात्रा ने जानकारी देते हुए कहा है कि, 'सरकार के आयकर विभाग में सुधार और घरेलू अर्थव्यवस्था को 'मजबूत' करने के निणर्यों से रिकॉर्ड प्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ है। कंपनियों ने (करों का भुगतान करने के लिहाज से) चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया।' बता दें, उन्होंने यह बात कोरोना के चलते प्रभावित होने वाली अर्थव्यवस्था संबंधित आशंकाओं को खारिज करते हुए कही है।
CBDT के चेयरमैन का कहना :
बताते चलें, हाल ही में एक न्यूज एजेंसी द्वारा केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन जेबी मोहपात्रा का इंटरव्यू लिया गया था। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि, "यह कहना बहुत मुश्किल होगा कि अगले साल स्थिति कैसी होगी लेकिन यह कहने के लिए कोई जगह नहीं है कि अच्छा समय केवल चार तिमाहियों तक रहता है।" उन्होंने इसी इंटरव्यू के दौरान रिकॉर्ड कर संग्रह के कारणों पर भी चर्चा की और कहा,
"सबसे पहले भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। अर्थव्यवस्था जितनी अच्छी होगी, कर संग्रह उतना ही अच्छा होगा, जो अभी हो रहा है। कर संग्रह पर प्रभाव डालने वाले विभागों में किए गए सुधारों से भी संग्रह बढ़ा है। ऐसे कई नीतिगत उपाय हैं, जो बजट में या बजट के बाहर उठाये गए हैं और अब इन उपायों का 'प्रभाव' या 'लाभ' अब दिख रहा है। कर संग्रह में वृद्धि का तीसरा कारण विभाग के भीतर सुधार की दिशा में पिछले चार वर्ष से उठाए जा रहे कदम हो सकते हैं। चौथा कारण छोटा लेकिन महत्वपूर्ण है और यह आयकर विभाग में प्रौद्योगिकी शामिल करने से संबंधित है। 13.63 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर संग्रह (16 मार्च को) में से केवल 54,000-55,000 करोड़ रुपये ही नियमित निर्धारण कर से आया है।"
जेबी मोहपात्रा, केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन
CBDT का कार्य :
CBDT चेयरमैन ने कहा कि, 'शेष संग्रह स्वैच्छिक अनुपालन के माध्यम से आ रहा है और ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि करदाता उन्हें मिल रही वित्तीय जानकारी से सशक्त हो रहे हैं।' गौरतलब है कि, आयकर विभाग के लिए पॉलिसी बनाने का कार्य केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ही करता है।
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