राज एक्सप्रेस। हाल ही में कई बड़ी कंपनियों के बीच साझेदारी की खबरें सामने आई थीं। वहीं, इसी दौरान खबर थी कि, आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड (ABFRL) और Walmart के स्वामित्व वाली भारत की ई-कॉमर्स कंपनी Flipkart के बीच साझेदारी को लेकर प्रस्तावित डील हुई थी, परंतु इस साझेदारी पर व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं।
क्या है मामला :
दरअसल पिछले दिनों हुई डील के तहत Flipkart ने आदित्य बिड़ला ग्रुप की फैशन एंड रिटेल लिमिटेड कंपनी में 1,500 करोड़ रुपये का निवेश कर 7.8% हिस्सेदारी हासिल की थी। इस पर अब CAIT ने आपतत्ति जताई है। CAIT का कहना है कि, दोनों कंपनियों के बीच हुई यह डील सरकार की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति के नियमों का उल्लंघन करती है। CAIT ने मंगलवार को इस डील पर आपत्ति जताते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक लेटर भी लिखा है।
CAIT का वाणिज्य मंत्री को लेटर :
बताते चलें, कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के वाणिज्य मंत्री गोयल के लिए लिखे गए लेटर के तहत इस डील को अनुमति न देने का आग्रह किया है। CAIT ने आग्रह करते हुए कहा है कि, ABFRL को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से Flipkart ग्रुप के मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर अपना सामान बेचने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिये। CAIT के मुताबिक ये अनुमति तब तक नहीं मिलना चाहिए जब तक कि, ABFRL यह विश्वास न दिला दे कि, 'आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड, Flipkart ग्रुप के मार्केटप्लेस के माध्यम से अपना तैयार माल नहीं बेचेगी।'
CAIT ने बताया :
CAIT द्वारा बताया गया है कि, 'आदित्य बिड़ला ग्रुप ने शेयर बाजारों को जानकारी देते हुए कहा है कि, 'उससे Flipkart ग्रुप के स्वामित्व और परिचालन वाले मार्केटप्लेस पर ABFRL को एक ‘वरीयता विक्रेता’ बनाने की मंशा का पता चलता है जो सरकार की नीति का उल्लंघन है।' CAIT ने FDI के नियमों की बात करते हुए कहा है कि, 'वर्तमान समय में FDI के नियम के तहत किसी भी विदेशी कंपनी को ऐसी किसी भी कंपनी में जिसमें उसका निवेश हो, उसको ई-कॉमर्स सहित बहु ब्रांड खुदरा व्यापार में किसी भी प्रकार की साझेदारी करने की अनुमति नही हैं। इस रह में चाहे ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनियां ही क्यों नहीं हों।'
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