मुश्किल में पड़ी $ 60 अरब में Byju's की संपत्ति बेचने की योजना, अब तक नहीं मिला कोई खरीदार

कभी देश में स्टार्टअप संस्कृति के पोस्टर ब्वाय रहे बायजू रवींद्रन वित्तीय दुश्चक्र में फंस गए हैं। उनके लिए कर्मचारियों का वेतन चुकाना भी मश्किल हो गया है।
Byju Ravindran
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हाईलाइट्स

  • कभी देश में स्टार्टअप संस्कृति के पोस्टर ब्वाय हुआ करते थे बायजू रवींद्रन

  • महामारी के बाद ऑफलाइन कक्षाएं शुरू होने के बाद मुश्किल में पड़ा Byju's

  • इन दिनों स्टार्टअप कर्मचारियों के वेतन व अन्य देनदारियां बढ़ती जा रही हैं

राज एक्सप्रेस । कभी देश में स्टार्टअप संस्कृति और ऑनलाइन लर्निंग के पोस्टर ब्वाय रहे बायजू रवींद्रन इन दिनों बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। उनकी ऑनलाइन लर्निंग से होने वाली आय लगातार घट रही है और स्टार्टअप Byju's के कर्मचारियों का वेतन और अन्य देनदारियां बढ़ती जा रही हैं। जब उन्हें कोई और उपाय नहीं दिखा तो उन्होंने ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म बायजूज की संपत्ति को बेचने का निर्णय लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उच्च शिक्षा के ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म Byju's की बिक्री के लिए 60 करोड़ डालर की मांग की गई है, लेकिन दिक्कत की बात यह है कि इस मूल्य पर अब तक कोई खरीदार सामने नहीं आया है।

इन दिनों भीषण वित्तीय संकट में फंसे रवींद्रन

बायजू रवींद्रन इन दिनों भीषण वित्तीय संकट में फंस गए हैं। उनके लिए इन दिनों उनके लिए अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना भी महंगा पड़ रहा है। पिछले दिनों उन्होंने घर बेचकर कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया था। कोई और उपाय नहीं देखकर ही उन्होंने अपनी एडटेक फर्म को बेचने की योजना बनाई है। बताया जाता है कि स्टार्टअप की संपत्ति बेचने की योजना मूल्य निर्धारण को लेकर फिलहाल बाधित हो गई है। स्टार्टअप की संपत्तियों में ऑनलाइन लर्निंग से जुड़ी संपत्तियां शामिल हैं। बताया जाता है कि Byju's ने उच्च शिक्षा संपत्ति की बिक्री के माध्यम से लगभग 60 करोड़ डालर जुटाने की योजना बनाई है।

अब तक कोई खरीदार सामने नहीं आया

दिक्कत की बात यह है कि इस मूल्य वर्ग में अब तक कोई खरीदार सामने नहीं आया है। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि Byju's पर 1.2 बिलियन डालर की देनदारियां हैं। यह बहुत बड़ी राशि है। Byju's के लिए इतनी बड़ी राशि जुटाना आसान काम नहीं है। वायजूज के लिए इस समय अपने दैनिक खर्चे चलाना भी मुश्किल हो रहा है, ऐसे में इतनी बड़ी रकम खर्च करना बहुत मुश्किल काम है। बायजू ने 200 मिलियन जुटाने के लिए 29 जनवरी को 25 मिलियन डॉलर की बेहद कम प्री-मनी कीमत पर एक राइट्स इश्यू जारी किया था, जो Byju's के चरम मूल्यांकन पर 99% की छूट के साथ लाया गया है।

महामारी के दौर में स्टार्टअप ने पकड़ी थी रफ्तार

राइट इश्यू ने प्रोसस और पीक एक्सवी पार्टनर्स सहित निवेशकों को परेशान कर दिया था। गौरतलब है कि 1.2 बिलियन डॉलर के ऋण पर अनुबंध का उल्लंघन करने के बाद लेनदारों ने इस साल Byju's पर मुकदमा दायर कर दिया था। इस गतिरोध के बाद संस्थापक बायजू रवीन्द्रन अचानक चर्चा में आ गए थे। कोरोना महामारी के दिनों में जब स्कूलों और विश्वविद्यालयों ने अपने दरवाजे बंद कर लिए, तब महामारी के दौर में अपनी सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए Byju's ने भारी खर्च किया। उन दिनों Byju's सफलता के रोज नए कीर्तिमान गढ़ रही थी।

महामारी के बाद के दिनों में रेवेन्यू आई बड़ी गिरावट

एक समय भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के प्रायोजक के रूप में, इसने अमेरिका और अन्य जगहों पर कई फर्में खरीदीं और विश्व स्तर पर विस्तार करने का प्रयास किया। लेकिन इस ख्यात एडटेक के लिए मुश्किल तब खड़ी हो गई, जब ऑफलाइन कक्षाएं फिर से शुरू होने के बाद उसके विकास की गति धीमी हो गई। इसके बाद पैदा हुए कानूनी विवादों के लंबा खिंचने की वजह से कंपनी की परेशानियां बढ़ती ही गईं। एक ओर स्टार्ट अप का आधार सिमटता जा रहा था और दूसरी ओर कानूनी मोर्चे पर परेशानियां बढ़ती जा रही थीं। इसके साथ ही Byju's का रेवेन्यू लगातार घटता ही जा रहा था। जिसकी वजह से अंततः Byju's प्रबंधन को अपनी संपत्तियां बेचने का निर्णय लेना पड़ा।

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