Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण छठी बार पेश करेंगी देश का बजट, बनाएंगी कई रेकॉर्ड्स

वित्तमंत्री सीतारमण अब तक पांच बजट पेश कर चुकी हैं। एक फरवरी को वह लगातार छठा बजट पेश करेंगी। छठा बजट पेश करने के साथ ही उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हो जाएंगे।
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हाईलाइट्स

  • इंदिरा गांधी के बाद निर्मला बजट पेश करने वाली दूसरी महिला

  • इंदिरा गांधी ने वित्त वर्ष 1970-71 के लिए बजट पेश किया था

  • एक फरवरी 2024 को पेश किया जाएगा देश का अंतरिम बजट

राज एक्सप्रेस । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब तक पांच बजट पेश कर चुकी हैं। एक फरवरी को वह लगातार छठा बजट पेश करेंगी। छठा बजट पेश करने के साथ ही उनके नाम कई रिकॉर्ड दर्ज हो जाएंगे। छठा बजट पेश करते ही वह लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश करने के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम दर्ज रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगी। बता दें कि सीतारमण पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जो जुलाई 2019 से पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला हैं। इंदिरा गांधी ने वित्त वर्ष 1970-71 का बजट पेश किया था।

एक को पीछे छूट जाएंगे मनमोहन, जेटली, चिदंबरम व सिन्हा

अब तक सबसे अधिक बजट पेश करने का रिकार्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम दर्ज है। उन्होंने सर्वाधिक 10 बार बजट पेश किया था। मोरारजी देसाई के नाम लगातार पांच बजट और एक अंतरिम बजट पेश करने का रिकार्ड दर्ज है। इस बार बजट पेश करने के साथ ही निर्मला सीतारमण उनकी बराबरी कर लेंगी। निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने के साथ ही पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व वित्तमंत्रियों अरुण जेटली, पी चिदंबरम और यशवंत सिन्हा के रेकॉर्ड को भी पीछे छोड़ देंगी। जिन्होंने लगातार पांच बजट पेश किए हैं। वित्त मंत्री के रूप में अपने सुदीर्घ कार्यकाल में मोरारजी देसाई ने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच बजट और एक अंतरिम बजट पेश किए थे।

यह बजट सरकार को अल्पकालिक खर्चों की अनुमति देगा

उल्लेखनीय है कि एक फरवरी को पेश किया जाने वाला अंतरिम बजट लेखानुदान होगा। यह बजट सरकार को अप्रैल-मई के आम चुनाव के बाद नई सरकार आने तक के खर्चों का प्रबंध करने का अधिकार देगा। सन 2014 में केंद्र की सत्ता में भाजपा के आने के बाद अरुण जेटली ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। उन्होंने 2014-15 से 2018-19 तक लगातार पांच बार बजट पेश किया था। अरुण जेटली के खराब स्वास्थ्य की वजह से मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालने वाले पीयूष गोयल ने एक फरवरी 2019 को अंतरिम बजट पेश किया था। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार के दूसरे कार्यकाल में निर्मला सीतारमण को वित्त विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

केंद्रीय बजट पेश करने वाली दूसरी महिला हैं सीतारमण

निर्मला सीतारमण, इंदिरा गांधी के बाद देश का बजट पेश करने वाली दूसरी महिला केंद्रीय मंत्री हैं। बता दें कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने वित्त वर्ष 1970-71 के लिए बजट पेश किया था। सीतारमण ने बजट दस्तावेज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले परंपरागत ब्रीफकेस को हटा दिया। उन्होंने इसकी जगह राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह वाला‘बही-खाता’अपनाया। इस बदलाव की खूब चर्चा हुई थी और इसे परंपरा की ओर लौटने के संकेत के रूप में देखा गया था। हालांकि, यह अंतरिम बजट है, लेकिन माना जा रहा है कि चुनावी साल होने की वजह से वह अंतरिम बजट में कई अहम घोषणाएं कर सकती हैं।

सीतारमण बजट में कर सकती हैं कई अहम घोषणाएं

माना जा रहा है कि अपना छठा बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण इस बार ग्रामीण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपायों की घोषणा कर सकती है्ं। किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाकर 8000 या 9000 करने की भी घोषणा की जा सकती है। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि वित्त वर्ष 2023-24 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4 प्रतिशत से घटकर 1.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसके साथ ही केंद्र सरकार युवाओं, महिलाओं और गरीब वर्ग के लोगों के लिए कुछ नई घोषणाएं कर सकती है। माना जा रहा है कि अंतरिम बजट महिलाओं के लिए कौशल विकास से जुड़ी अहम योजना शुरू की जा सकती है।

इस वजह से एक फरवरी को पेश किया जाने लगा बजट

वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने फरवरी के आखिरी कार्य दिवस की जगह एक तारीख को बजट पेश करने का निर्णय किया था। इसके साथ ही 28 फरवरी को बजट पेश करने की औपनिवेशिक युग में शुरू की गई परंपरा खत्म हो गई। यह बजट तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पेश किया था। दरअसल, जब फरवरी महीने के अंत में बजट पेश किया जाता था तब अप्रैल तक उसे लागू करने में दिक्कत होती थी। इस वजह से यूनियन बजट की तारीख में बदलाव करने का निर्णय लिया गया। जब कोई नियम या योजना लागू की जाती है, तो उसे संसद में पेश किया जाता है। संसद से पास होने पर राष्ट्रपति के अनुमति के बाद ही उसे लागू किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है।

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