रूस-ब्रिटेन। यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग दिन-प्रतिदिन गंभीर रूप लेती जा रही है। इस युद्ध को 15 दिन ऐसे बीत गए हैं जैसे 15 घंटे हों। इस युद्ध से कई देश बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में कई देश रूस के खिलाफ कड़े फैसले लेते हुए रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। इतना ही नहीं यूक्रेन का सपोर्ट कर रहे कई देश (NATO) तो रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं जिससे रूस घुटने टेक दे। ऐसे में अब ब्रिटेन ने रूसी अरबपतियों के लिए एयर स्पेस बंद कर दिया है। इससे पहले अमरीका भी रूस से एयर स्पेस बंद कर दिए हैं।
ब्रिटेन ने रूस के लिए एयर स्पेस किया बंद :
दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध इतनी आसानी से नहीं थमने वाला है। क्योंकि, रूस के राष्ट्रपति पुतिन अपने कड़े फैसलों के लिए ही जाने जाते हैं। ऐसे में रूस को कमजोर करने के लिए अब तक अमेरिका, अमेरिकी और कई देश की कंपनियां रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं। वहीं, अब ब्रिटेन ने एक और नया कदम उठाते हुए रूस के अरबपतियों के लिए अपना एयर स्पेस (हवाई क्षेत्र) बंद कर दिया है। हालांकि, ब्रिटेन पहले ही यूरोपीय संघ और कनाडा के साथ ही रूस के लिए अपना एयर स्पेस बंद कर चुका हैं।
एयर स्पेस बंद होने से होता क्या है ?
बताते चलें, जब भी कोई देश किसी दूसरे देश के लिए अपना एयर स्पेस बंद कर देता है तो, जिस देश पर प्रतिबंध लगाया जाता है उस देश के विमान प्रतिबंध लगाए जाने वाले देशों के किसी भी क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। वहीं, पिछले दिनों अमेरिका, यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और कनाडा द्वारा लगाए गए इस प्रतिबंध के चलते रूस का कोई भी विमान इन देशों में प्रवेश नहीं कर सकेगा, लेकिन उस समय ब्रिटेन ने रूस के अरबपतियों के लिए ये रस्ते खुले थे। वहीं, अब उनके लिए भी एयरस्पेस बंद कर दिया गया है। इससे रूस को भारी नुकसान भी उठाना पड़ेगा। इन देशों में शामिल ब्रिटेन ने बेलारूस पर भी प्रतिबंध लगा चुका हैं। ब्रिटेन ने बेलारूस के खिलाफ ये प्रतिबंध यूक्रेन युद्ध में रूस के पक्ष का समर्थन करने पर लगाया है।
रूस पर इसका असर :
अमेरिका द्वारा लगाए गए इस बैन का सीधा असर रूस के ग्लोबल सप्लाई चैन पर पड़ेगा। कोरोना महामारी के चलते रूस की सप्लाई चैन पहले ही प्रभावित थी। वहीं , अब रूस को नई परेशानी का सामना करना होगा।
रूस और यूरोपीय संघ के बीच चलने वाले 70 रुसी विमान के बंद होने से रूस की इकोनॉमी पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। किसी भी देश के पास कम एयरस्पेस होना देश की इकोनॉमी पर भारी असर डालता है।
गौरतलब है कि, रूस पर अब तक आटोमोबाइल, फायनेंस, रिटेल, एंटरटेनमेंट, और फास्ट फूड जैसी लगभग 300 कंपनियां अस्थाई या पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा चुकी हैं। जबकि, रूस टस से मस होने का नाम नहीं ले रहा है।
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