BREXIT: यूरोपीय यूनियन से अलग होने वाला पहला देश बनेगा ब्रिटेन

ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमंस द्वारा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की ब्रेक्जिट डील को मंजूरी मिल गई जिससे, ब्रिटेन को यूरोपीय यूनियन से बाहर निकलने के लिए रास्ता मिल गया।
BREXIT
BREXITSocial Media
Published on
Updated on
3 min read

राज एक्सप्रेस। आखिरकार गुरुवार को दो देशों की सरकार खो देने और दो देश के विभाजन हो जाने के बाद ब्रिटेन की संसद द्वारा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के ईयू से अलग होने के समझौते को मंजूरी दे दी गई है। इस समझौते के पक्ष में 330 वोट मिले वहीं इसके विरोध में 231 वोट आये थे। बताते चलें कि, बोरिस जॉनसन ने पिछले महीने ही एक बार फिर से ब्रेग्जिट मुद्दे पर ही पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापस आये थे।

ब्रिटेन को मिला बाहर निकलने के का रास्ता :

सांसदों की मंजूरी मिलने से इतने साल बाद ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के लिए एक रास्ता मिल गया है और अब इस मंजूरी के द्वारा ही इस माह के अंत तक ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन (EU) अलग-अलग हो जाएंगे और ब्रिटेन, EU से अलग होने वाला पहला देश बन जाएगा। समझौते को मंजूरी मिलने के बाद इस फैसले के समर्थक सांसदों ने अपना उत्साह और खुशी जाहिर की।

यूरोपीय संसद की मंजूरी मिलना बाकी :

ब्रिटेन के सांसदों की मंजूरी मिलने के बाद भी अभी 'ईयू-यूके विदड्रॉल एग्रीमेंट बिल' को अनिर्वाचित हाउस ऑफ लॉर्ड्स और यूरोपीय संसद द्वारा मंजूरी मिलना अभी बाकी है। हलांकि इसे मात्र एक फोर्मिलिटी के तौर पर ही माना जा रहा है। आपको बताते चलें कि, साल 1973 में ब्रिटेन 28 सदस्यीय यूरोपीय यूनियन का सदस्य बना था। वहीं इन दोनों के अलग होने से ब्रिटेन की करीब पांच दशक पुरानी सदस्यता ब्रेग्जिट से खत्म हो जाएगी और ब्रिटेन इस तरह का फैसला लेने वाला पहला देश बन जाएगा। EU द्वारा बताये गए नियमों के अनुसार 31 दिसंबर तक वह कारोबार करता रहेगा।

पहले जैसी अर्थव्यवस्था पाना असंभव :

बैंक ऑफ इंग्लैंड के निवर्तमान गवर्नर मार्क कार्नी ने गुरुवार को ब्रेक्जिट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "अनिश्चितता के दौर में ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में आई गिरावट की भरपाई फिलहाल संभव नहीं दिखती। अनिश्चितता खत्म होने से जीडीपी ग्रोथ में सुधार की संभावना है।" वहीं दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था पर विश्व स्तर पर मंदी का दबाव बनता नजर आ रहा है। इन हालातों में पहले जैसी मजबूत अर्थव्यवस्था पाना किसी भी हाल में संभव नहीं है।

हालांकि, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था काफी प्रगति पर ही है और वहां मंहगाई भी नियंत्रण में है। हालातों को देखते हुए वहां के घरेलू निवेशक बाजार में अपना ज्यादा पैसा लगाने के लिए आश्वस्त रहेंगे। इन निवेशों से अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा और उसे रफ्तार मिलेगी। वहीं, EU द्वारा बताये गए नियमों के अनुसार 31 दिसंबर तक वह कारोबार करता रहेगा। बताते चलें कि, गवर्नर मार्क कार्नी का कार्यकाल मार्च तक पूरा हो जाएगा। उनके द्वारा दिए गए बयान से ब्रिटिश पाउंड की कीमत में यूरो और डॉलर की तुलना में 0.05% की गिरावट दर्ज हुई।

क्या है ब्रेग्जिट :

ब्रेग्जिट (Brexit) का अर्थ टुकड़ों में तोड़ कर समझे तो इसका मतलब है 'ब्रिटेन एग्जिट' अर्थात ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से बाहर हो जाना। बताते चलें कि, साल 2016 में ब्रिटेन में ब्रेग्जिट को लेकर जनमत संग्रह किया गया था। इसको लेकर लगभग 50% से भी ज्यादा लोगों का मानना ये था कि, ब्रिटेन को यूरोपीय यूनियन (EU) से बाहर निकल जाना चाहिए।

कंजरवेटिव पार्टी ने की थी जीत हासिल :

आपको यह भी बताते चलें कि, इसी साल ब्रिटेन में आम चुनाव हुए थे, जिसमें सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी ने बहुमत के साथ जीत हासिल की थी। यदि एक नज़र सीटों पर डालें तो, बोरिस जॉनसन जो कंजरवेटिव पार्टी से खड़े हुए थे उन्हें 650 सीटों वाली संसद में 364 सीटें मिलीं।

ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com