#boycottfrenchproducts : हाल ही में भारत में चाइनीज प्रॉडक्ट के बाद अब मुस्लिम देशों में फ्रांस के प्रोडक्ट बैन करने की मांग जो पकड़े है। इतना ही इसी के चलते सोशल मीडिया प्लेटफ्रॉम पर #boycottfrenchproducts हैशटैग काफी तेजी से ट्रेंड करता नजर आ रहा है। हालांकि, बहिष्कार के पीछे एक बड़ी दुर्घटना है।
क्या है बड़ी दुर्घटना :
दरअसल, फ्रांस में छात्रों को अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब समझाने के कारण प्रदर्शन के दौरान एक शिक्षक का सिर काट दिया गया। इस घटना की मुस्लिम देश कड़ी निंदा करने के बजाय फ्रांस के ही उत्पादों का बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं। शिक्षक का सिर काटने वाले इन छात्रों में से एक ने शिक्षक का गला काटने और कट्टरपंथी मानसिकता का कारण शिक्षक द्वारा दिखाए गए पैगम्बर मोहम्मद के कार्टून को बताया और इसी के चलते ही यहां फ्रांसीसी प्रॉडक्ट का बहिष्कार इतना जोर पकड़े हुए है।
फ्रांस के विदेश मंत्रालय का कहना :
खबरों की मानें तो, मुस्लिम देशों ने एक मुहीम शुरू की है जो कि, फ्रांस के प्रॉडक्ट का बहिष्कार करने के लिए चलाई जा रही है। उधर फ्रांस के विदेश मंत्रालय का इस मामले में कहना है कि 'मध्य पूर्वी देशों में फ्रांसीसी उत्पादों, विशेष रूप से खाद्य उत्पादों का बहिष्कार करने की बात सामने आई है, लेकिन बहिष्कार के लिए किया गया आह्वान बिलकुल निराधार है और इसे जल्द से जल्द रोका जाना चाहिए, क्योंकि सारे हमले हमारे देश के ख़िलाफ़ हैं जिन्हें कट्टरपंथी अल्पसंख्यक द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है।'
फ्रांसीसी कंपनियों की मदद :
मंत्रालय की तरफ से अधिकारियों को इस बहिष्कार के ख़िलाफ़ आवाज उठाने के आदेश दिए गए हैं। इससे फ्रांसीसी कंपनियों की कुछ मदद हो सकेगी। साथ ही वह सुरक्षित महसूस करेंगे। बताते चलें, इस मामले कुवैत भी शामिल हो चुका है। वहां भी अक्टूबर में ही उपभोक्ता सहकारी समितियों के प्राइवेट संघ ने फ्रेंच प्रोडक्ट्स के बहिष्कार के निर्देश जारी किए गए थे। इन हालातों के बीच रॉयटर ने कई सहकारी समितियों को संपर्क किया तो, उन्होंने बताया कि उन लोगों ने अपनी शेल्फ से फ्रेंच कंपनियों के बाल संबंधी व ब्यूटी संबंधी उत्पादों को हटवा दिया है।
पैगंबर के अपमान पर हुई यह कार्यवाही :
गौरतलब है कि, यूनियन प्रमुख फद अल किश्ती ने बताया कि, फ्रांस के प्रॉडक्ट्स को हटाने की यह कार्यवाही पैगंबर के लगातार किए गए अपमान के चलते की गई है। हालांकि, इस मामले के सामने आने से पहले भी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों इस्लाम को लेकर टिप्पड़ी करते नजर आए थे। उन्होंने कहा था कि,
कुछ इस प्रकार ट्विटर पर कर रहे यूजर्स फ्रांस के प्रॉडक्ट्स का बहिष्कार :
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