राज एक्सप्रेस। काफी समय से नुकसान और विवादों में घिरे रिलायंस एंटरटेनमेंट ग्रुप के मालिक अनिल अंबानी की मुश्किलें पिछले दिनों कुछ कम होती नजर आ रही थीं, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि, अनिल अंबानी की मुसीबतें इतनी आसानी से नहीं टलने वाली हैं। क्योंकि, अब एक बार फिर वह एक नई मुसीबत में फंसते नजर आ रहे है। यह मामला अनिल अंबानी की अघोषित संपत्ति से जुड़ा है और इसी के चलते उनके खिलाफ एक नोटिस ऑर्डर जारी किया गया है।
क्या है मामला ?
अनिल अंबानी की परेशानियां कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है। पिछले महीने जहां उनकी एक कंपनी को घाटा हुआ था। वहीं, अब अनिल अंबानी कानूनी दांवपेच में फंसते नजर आ रहे है। दरअसल, मुंबई की इनकम टैक्स की जांच यूनिट ने मार्च 2022 में अनिल अंबानी के खिलाफ एक फाइनल ऑर्डर जारी किया था। यह आदेश ब्लैक मनी एक्ट 2015 के तहत विदेशों में अघोषित संपत्ति और निवेश के आरोपों के चलते जारी किया गया था। वहीं, साल 2019 में अनिल अंबानी के खिलाफ काला धन एक्ट के तहत विदेशों में अघोषित संपत्ति के लिए नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में विदेशी संपत्तियों और उनके बैंक खातों में हुई ट्रांजेक्शन की भी पूरी जानकारी शामिल है। खबरों की मानें तो, इन ट्रांजेक्शन की कुल वैल्यू अभी के रुपये-डॉलर एक्सचेंज रेट के अनुसार करीब 800 करोड़ रुपये है।
अनिल अंबानी से पूछे गए सवाल :
बताते चलें, जब यह मामला सामने आया था और अनिल अंबानी को नोटिस जारी किया था। तबं उनसे कुछ सवाल पूछे गए थे, जिसके जवाब देना उन्होंने उचित न समझते हुए कोई उत्तर नहीं दिए थे। क्योंकि, अनिल अंबानी ने फरवरी 2020 में यूके कोर्ट में खुद को दिवालिया घोषित करते हुए कहा था कि उनकी नेट वर्थ जीरो हो चुकी है। इसके अलावा भी कई बातें सामने आई थी जो यह बताती थी कि, उनके पास अब कोई सम्पति नहीं बची है, लेकिन ब्लैक मनी एक्ट आदेश के मुताबिक अनिल अंबानी के पास अब भी बहामास और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में कुछ संपत्तियां हैं। बहामास में उन्होंने 2006 में एक डायमंड ट्रस्ट सेटअप किया था, जिसे ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इनकॉरपोरेशन के तहत स्टार्ट किया गया था। इस मामले में जब CBDT ने फॉरेन टैक्स एंड टैक्स रिसर्च डिवीजन के द्वारा बहामास से बात की तब UBS बैंक की ज्यूरिख ब्रांच (स्विस बैंक) से कंपनी का कनेक्शन होने की बात सामने आई।
दूसरी अघोषित संपत्ति :
बताते चलें, सामने आई रिपोर्ट में एक और अघोषित विदेशी कंपनी का जिक्र किया गया है। जिसे अनिल अंबानी ने नॉर्थ अटलांटिक ट्रेडिंग लिमिटेड नाम से ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में साल 2010 में सेटअप किया था। इस कंपनी का बैंक ऑफ साइप्रस में एक अकाउंट होने का खुलासा हुआ। इस कंपनी की गिनती हाल ही में पैंडोरा पेपर्स में शामिल 18 कंपनियों में से एक के तौर पर हुई थी। साल 2015 में स्विस लीक्स (Swiss Leaks) जांच में पाया गया था कि, 'अनिल अंबानी उन 1100 भारतीयों में से एक हैं, जिनके HSBC की जेनेवा ब्रांच में अकाउंट हैं। इसके अलावा HSBC की ब्रांच में उनके अकाउंट में साल 2006-07 में 26.6 मिलियन डॉलर का बैलेंस था।
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