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जीडीपी के दूसरी तिमाही के उम्मीद से बेहतर आंकड़ों ने देश की अर्थव्यवस्था में तेजी को दिया प्रोत्साहन

वित्तवर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही के गुरुवार को जारी मजबूत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को बल दिया है।
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हाईलाइट्स

  • गुरुवार को जारी को जारी किए गए दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े।

  • चालू साल की दूसरी तिमाही के आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को दी ताकत ।

  • चालू साल की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी में 7.6% बढ़ोतरी हुई।

राज एक्सप्रेस। वित्तवर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही के गुरुवार को जारी मजबूत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) आंकड़ों ने अर्थव्यवस्था को बल दिया है। विनिर्माण, निर्माण और खनन, बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं के बेहतर प्रदर्शन की वजह से जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी में 7.6% की वृद्धि हुई है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह दर आरबीआई समेत विभिन्न एजेंसियों के अनुमान से अधिक है। सरकार और आरबीआई दोनों ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान लगाया है, जिसे निराशाजनक वैश्विक दृष्टिकोण की पृष्ठभूमि में मजबूत विस्तार के रूप में देखा जा रहा है।

एसबीआई रिसर्च ने बढ़ाया अपना अनुमान

एसबीआई रिसर्च ने अपने विकास अनुमान को पहले के 6.7% से संशोधित कर 7% कर दिया है। वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में 7.7% जीडीपी वृद्धि के साथ अगर दूसरी छमाही में अनुमानित 6.2-6.4 फीसदी वृद्धि हो तो पूरे वर्ष में कुल वृद्धि लगभग सात फीसदी होगी। एसबीआई के विशेषज्ञों ने कहा, हालांकि संभावना है कि वर्ष 2024 में देश की जीडीपी में 7.0% से अधिक वृद्धि हो सकती है। बार्कलेज और सिटीग्रुप ने भी अपने अनुमान को पहले के 6.3% से संशोधित कर 6.7% कर दिया है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा को उम्मीद है डीजीपी विकास दर 6.6% से 6.7% के बीच रह सकती है।

सकारात्मक है विभिन्न सेक्टर्स की ग्रोथ

इसी तरह, इकनामिक एडवाइजरी फर्म क्वांटईको ने अपने पूर्वानुमान को 30 आधार अंक संशोधित कर 6.5% कर दिया है। क्वांटईको के विशेषज्ञों का कहना है कि विभिन्न सेक्टर्स की ग्रोथ सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। इसका सकारात्मक पक्ष यह है कि उच्च आवृत्ति संकेतक अर्थव्यवस्था में लगातार मजबूती का संकेत दे रहे हैं। त्योहारी मांग और निवेश गतिविधियों में तेजी भी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी। जबकि, बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा हमें 2024 में जीडीपी 6.6%-6.7 के बीच रहने की उम्मीद है।

ये हैं वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के आंकड़े

जीडीपी विकास दर के वैश्विक आंकड़ों को देखकर भारत के आर्थिक विकास को समझने का प्रयास करें। 2023 की जुलाई सितंबर तिमाही में भारत की विकास दर 7.6 फीसदी के मुकाबले में इंडोनेशिया ने 4.9 फीसदी विकास दर हासिल की है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की जीडीपी विकास दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 4.9 फीसदी रही है। मैक्सिकन जीडीपी विकास दर 3.3 फीसदी रही है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका ने इस तिमाही में 2.9 फीसदी विकास दर हासिल की है। जापान की जीडीपी विकास दर 1.2 फीसदी, फ्रांस की 0.7 फीसदी, ब्रिटेन की 0.6 फीसदी और जर्मनी की-0.4 फीसदी है।

ये हैं विभिन्न एजेंसियों के पूर्वानुमान

वित्तवर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी विकास दर को लेकर विभिन्न एजेंसियों ने अलग-अलग अनुमान लगाए हैं। आइए देखते हैं कि किसके अनुमान में क्या दावा किया गया है। एसबीआई ने अपने अनुमान को बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है। बार्कलेज के अनुमान के अनुसार सालाना आधार पर भारत की जीडीपी विकास दर 6.7 फीसदी रह सकती है। सिटी ग्रुप ने भी जीडीपी विकास दर को 6.7 फीसदी रखा है। बैंक आफ बड़ौदा ने 6.6 या 6.7 फीसदी विकास दर रहने का अनुमान जताया है। जबकि सरकार, आरबीआई और क्वांटइको के अनुमान के अनुसार देश की जीडीपी 6.5 फीसदी की दर से विकास करेगी।

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