राज एक्सप्रेस। पिछले काफी समय से योग गुरु बाबा रामदेव लगातार ही अपने विवादित बयान के चलते चर्चा में बने रहे हैं। जिसके चलते पिछले दिनों इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) छत्तीसगढ़ द्वारा बाबा राम देव के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। हालांकि, हर बार बाबा रामदेव ने अपने दिए बयान वापस लिए हैं, लेकिन इससे बात न बनने के बाद अब बाबा रामदेव ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटकाया है।
बाबा ने खटकाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा :
दरअसल, पिछले दिनों अपने बयानों के चलते कई विवादों में घिरने के बाद योग गुरु रामदेव अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटकाया है। जी हां, बाबा रामदेव ने बुधवार को एलोपैथी पर उनके बयानों को लेकर कई राज्यों में उनके खिलाफ दर्ज किये गए मामलों के खिलाफ एक याचिका दायर की है। ज्ञात हो कि, IMA छत्तीसगढ़ इकाई द्वारा FIR दर्ज करने के बाद रामदेव के खिलाफ कई अन्य राज्यों में भी मामले दर्ज किए गए। बता दें, बाबा रामदेव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-188, 269, 504 सहित आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
याचिका में बाबा रामदेव की मांग :
इस याचिका के माध्यम से बाबा रामदेव ने उनके खिलाफ चल रहे मामलों पर होने वाली कार्यवाही को रोकने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत रिट याचिका दायर कर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की पटना और रायपुर इकाइयों द्वारा दर्ज FIR में कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने इस याचिका में उनके खिलाफ दायर की गई सभी FIR को दिल्ली की एक कोर्ट में स्थानांतरित करने की भी मांग रखी है।
IMA की शिकायत :
बताते चलें, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा शिकायत की गई है कि, 'पिछले एक साल से योग गुरु रामदेव कथित तौर पर चिकित्सा बिरादरी, भारत सरकार, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और अन्य फ्रंट लाइन संगठनों द्वारा कोविड-19 संक्रमण के इलाज में उपयोग की जा रही दवाओं के खिलाफ सोशल मीडिया पर गलत सूचना का प्रचार कर रहे हैं।'
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