Azim Premji Birthday
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अजीम प्रेमजी : पिता की मौत के चलते छोड़ी पढ़ाई, जानिए तेल-साबुन बेचने वाला कैसे बना आईटी सम्राट?

अजीम प्रेमजी कमाई के मामले में ही नहीं बल्कि दान के मामले में भी सबसे आगे रहे हैं। वह देश के सबसे बड़े दानवीर में से एक हैं। साल 2013 में उन्होंने अपनी दौलत का 25 फीसदी दान में दे दिया था।
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हाइलाइट्स :

  • 21 की उम्र में अजीम ने गिरते हुए कारोबार को संभाला था।

  • तेल बेचने वाली कंपनी विप्रो को देश की सबसे प्रमुख आईटी कंपनी में से एक बना दिया।

  • साल 1999 से लेकर साल 2005 तक अजीम प्रेमजी देश के सबसे अमीर व्यक्ति थे।

  • अजीम प्रेमजी को आईटी बिजनेस का सम्राट भी कहा जाता है।

Azim Premji Birthday : भारतीय बिजनेस टायकून, निवेशक, दानवीर और विप्रो लिमिटेड के मालिक अजीम प्रेमजी आज 78 साल के हो गए हैं। 24 जुलाई 1945 को मुंबई में जन्मे अजीम प्रेमजी की भारत के सबसे सफल कारोबारियों में होती है। महज 21 की उम्र में अजीम ने अपने पिता की मौत के बाद उनके गिरते हुए कारोबार को संभाला था। छोटी सी उम्र में पढ़ाई छोड़कर बिजनेस के क्षेत्र में उतरे अजीम ने इस क्षेत्र में लगातार सफलता के झंडे गाड़े। उन्होंने तेल बेचने वाली कंपनी विप्रो को देश की सबसे प्रमुख आईटी कंपनी में से एक बना दिया। यही कारण है कि अजीम प्रेमजी को आईटी बिजनेस का सम्राट भी कहा जाता है।

पिता को जिन्ना ने दिया था ऑफर

अजीम प्रेमजी के पिता का नाम मोहम्मद हाशिम प्रेमजी था। वह खाने के तेल और साबुन का बिजनेस किया करते थे। देश के विभाजन के समय पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने उन्हें पाकिस्तान आने का न्योता दिया था। हालांकि उन्होंने जिन्ना का ऑफर ठुकराकर भारत को तरहीज दी।

21 साल की उम्र में छोड़ी पढ़ाई

अजीम प्रेमजी ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई मुंबई के सेंट मैरी स्कूल से पूरी की। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए। हालांकि जब अजीम 21 साल के थे, तब उन्हें एक दिन अपने पिता की मौत की खबर मिली। इसके बाद वह तुरंत ही अपनी पढ़ाई छोड़कर भारत आ गए और अपने पिता का कारोबार संभाला। हालांकि पढ़ाई छोड़ने के करीब 30 साल बाद अजीम प्रेम जी ने वापस स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई शुरू करते हुए इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी।

ऐसे बने आईटी सम्राट

अपने पिता का बिजनेस संभालने के बाद अजीम ने कंपनी में तेल और साबुन के आलवा अन्य उत्पादों को जोड़ना भी शुरू किया। साल 1977 में उन्होंने अपनी कंपनी का नाम विप्रो प्रोडक्ट लिमिटेड कर दिया। साल 1982 में उन्होंने अपनी कंपनी का नाम विप्रो लिमिटेड कर दिया और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उतरने का फैसला किया। उन्होंने अमेरिका की कंपनी के साथ मिलकर मिनी कंप्यूटर बनाने शुरू किए। आगे चलकर विप्रों ने हार्डवेयर के साथ सॉफ्टवेयर का काम भी शुरू किया, जो बहुत अधिक सफल हुआ। देखते ही देखते विप्रो देश की सबसे बड़ी कंपनी बन गई। साल 1999 से लेकर साल 2005 तक अजीम प्रेमजी देश के सबसे अमीर व्यक्ति थे।

सबसे बड़े दानवीर

अजीम प्रेमजी कमाई के मामले में ही नहीं बल्कि दान के मामले में भी सबसे आगे रहे हैं। वह देश के सबसे बड़े दानवीर में से एक हैं। साल 2013 में उन्होंने अपनी दौलत का 25 फीसदी दान में दे दिया था।

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