देश का यह ग्रुप करेगा हाइड्रोजन ईंधन सेल इलेक्ट्रिक ट्रक की पहल
ऑटोमोबाइल। आज देश काफी तेजी से तरक्की कर रहा है। देश में लगातार नई-नई टेक्नोलॉजी देखने को मिल रही है। चाहे वो गैजेट्स के मामले में हो या वाहन के मामले में। आज देश में जब पेट्रोल की कीमतें पहले ही आसमान छू रही हैं। ऐसे में लोग पेट्रोल की जगह अन्य विकल्प की तलाश में रहते है। वहीं, अब तक आपने पेट्रोल-डीजल, इलेक्ट्रिक और CNG से चलने वाले वाहन देखें होंगे, लेकिन अब तक हाइड्रोजन ईंधन सेल इलेक्ट्रिक ट्रक (FCET) नहीं देखा होगा। हालांकि, अब आप जल्द ही ऐसे यानी हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रक भी देख पाएंगे। क्योंकि, देश में इसको विकसित करने की योजना तैयार की जा रही है। चलिए बात करते हैं कि, देश में यह कब से मिलेंगे और इस पहल की तरफ किसने पहला कदम बढ़ाया है।
हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रक :
दरअसल, आज हर कोई पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों से बच रहा है क्योंकि, इस महंगाई में पेट्रोल वाहन लोगों का बजट बिगड़ देता है। वहीँ, ऐसे में लोडिंग वाला काम हो तो मुश्किल और बढ़ जाती है। क्योंकि, ट्रक ट्रेक्टर जैसे वाहनों का इस्तेमाल लोडिंग के लिए दिनभर में कई बात होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए जल्द ही मार्किट में खनन, रसद और परिवहन के लिए हाइड्रोजन ईंधन सेल इलेक्ट्रिक ट्रक (FCET) उतारने की तैयारी चल रही है। इसको विकसित करने के लिए पायलट परियोजना तैयार कर दी गई है। जो जल्द शुरू की जाएगी। बता दें, इस परियोजना के लिए दो बड़ी कंपनियों ने समझौते कर हस्ताक्षर भी कर लिए हैं।
कौन करेगा यह बड़ी पहल :
कई बात किसी बड़ी कंपनी को भी किसी योजना को पूरा करने के लिए किसी अन्य कंपनी के साथ की जरूरत होती है। जिसके लिए वह उस दूसरी कंपनी से डील कर लेती है और फिर वह दोनों कंपनियां मिलकर काम करती हैं। तो बता दें, हाइड्रोजन ईंधन सेल इलेक्ट्रिक ट्रक (FCET) को तैयार करने वाली इस पायलट परियोजना को पूरा करने के लिए देश के अग्रणी और सबसे अमीर व्यक्ति के अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) ने अशोक लेलैंड (Ashok Leyland) के साथ हाथ मिला लिया है। दोनों के बीच साइन हुई डील के तहत दोनों कंपनियां मिलकर हाइड्रोजन संचालित प्रोजेक्ट पर काम करेंगी। बता दें, यह ट्रक एशिया का अपनी तरह का पहला ट्रक होगा।
परियोजना का नेतृत्व :
बताते चलें, हाइड्रोजन ईंधन सेल इलेक्ट्रिक ट्रक (FCET) को विकसित करने वाली इस पायलट परियोजना का नेतृत्व अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) करेगी। इसे मुख्य रूप से खनन कार्यों, परिवहन और हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए किया जाएगा। PEM फ्यूल सेल इंजन बनाने वाली कंपनी बलार्ड (Ballard), हाइड्रोजन ट्रक के लिए FCmoveTM फ्यूल सेल इंजन की आपूर्ति करेगी। जानकारी के लिए बता दें, अशोक लेलैंड कंपनी दुनियाभर में बसों के सबसे बड़े निर्माता के तौर पर जानी जाती है। इस डील के बाद यह कंपनी वाहन प्लेटफॉर्म और तकनीकी सहायता करेगी।
कब तक लॉन्च होगा यह ट्रक :
खबरों की माने तो दोनों कंपनियों के बीच हुई डील का लक्ष्य हाइड्रोजन ईंधन सेल इलेक्ट्रिक ट्रक (FCET) को भारत में 2023 में लॉन्च करने का है। Adani Group द्वारा इस बारे में जानकारी देते हुए पहले घोषणा की थी कि, 'कंपनी अगले दस सालों में हरित हाइड्रोजन और संबंधित पारिस्थितिक तंत्र में 50 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक का निवेश करने की योजना बना रहा है। ये सालाना 3 मिलियन टन तक की ग्रीन हाइड्रोजन क्षमता के अनुरूप है।' वहीं, Adani Enterprises Limited कंपनी के निदेशक और अदाणी नेचुरल रिसोर्सेज के CEO विनय प्रकाश ने बताया है कि, 'महत्वाकांक्षी ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना भारत की भविष्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता के लिए काम करेगी। यह वाणिज्यिक परिवहन प्रणाली में हाइड्रोजन-संचालित ईंधन सेल प्रौद्योगिकी के उपयोग में तेजी लाने के लिए अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी के विजन के अनुरूप है।'
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