बैंकों-एनबीएफसी की एसेट क्वालिटी अच्छी, पर उन्हें नियमों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत : दास

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले दिनों में एनबीएफसी, बैंक और दूसरे वित्तीय संस्थानों के प्रति सख्त बना रहने वाला है। इसका संकेत आरबीआई गवर्नर ने दे दिया है।
Shaktikant Das, RBI Governer
Shaktikant Das, RBI Governer Raj Express
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हाईलाइट्स

  • रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बैंकों और एनबीएफसी को दिया कड़ा संदेश

  • कहा नियामकीय गाइडलाइन का पालन हो उनकी पहली प्राथमिकता

  • नियमों का पालन नहीं वाले वित्तीय संस्थानों पर जारी रहेगी कार्रवाई

राज एक्सप्रेस । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले दिनों में एनबीएफसी, बैंक और दूसरे वित्तीय संस्थानों के प्रति सख्त बना रहने वाला है। इसका संकेत एमपीसी बैठक के बाद कल शुक्रवार को ही केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने दे दिया है। एमपीसी बैठक के बाद शक्तिकांत दास ने कहा कि अब बैंकों, एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थाओं को नियमों के पालन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। शक्तिकांत दास ने कहा बैंक, एनबीएफसी और दूसरी वित्तीय संस्थाओं को नियामक दिशा-निर्देशों पर प्राथमिकता से अमल करना होगा। गौरतलब है कि आरबीआई ने पेटीएम की जांच के दौरान सामने आए तक्ष्यों से सबक लेते हुए कुछ माह पहले ही वित्तीय संस्थानों के प्रति सख्ती बरतनी शुरू कर दी है।

पेटीएम व जेएम फाइनेंशियल के खिलाफ उठाए कदम

इसके बाद ही आरबीआई ने पेटीएम और जेएम फाइनेंशियल सहित कुछ फिनटेक और एनबीएफसी के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। शक्तिकांत दास की इस चेतावनी से साफ हो गया है कि वित्तीय संस्थानों के प्रति आरबीआई की सख्ती अगले दिनों में भी जारी रहने वाली है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 5 अप्रैल को मौद्रिक नीति पेश करने के दौरान चेतावनी दी थी कि बैंक, एनबीएफसी और दूसरे वित्तीय संस्थानों को नियामक दिशा-निर्देशों के सख्ती से पालन को उच्च प्राथमिकता देनी होगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि बैंकों और एनबीएफसी की कैपिटल और एसेट क्वालिटी अच्छी है।

आरबीआई ने 31 जनवरी को पेटीएम पर की थी कार्रवाई

कैपिटल और एसेट क्वालिटी से जुड़े प्रमुख इंडिकेटर्स से इस बात का पता चलता है। एनबीएफसी के फाइनेंशियल इंडिकेटर्स भी वही संकेत दे रहे हैं, जो बैंकिंग सिस्टम के लिए मिले हैं। केंद्रीय बैंक ने 31 जनवरी को पेटीएम के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक की ज्यादातर सेवाओं पर रोक लगा दी थी। आरबीआई इस बात से बहुत खफा था कि उसकी बार-बार की चेतावनियों के बाद भी पेटीएम ने अपने कामकाज से जुड़ी कमियां दूर करने की पर्याप्त कोशिश नहीं की। उसके बाद केंद्रीय बैंक ने जेएम फाइनेंशियल के खिलाफ कड़े कदम उठाए थे। केंद्रीय बैंक का मानना था कि एनबीएफसी आईपीओ में निवेश के लिए तय नियमों का पालन नहीं कर रहा था।

अगले दिनों में भी जारी रहेगी केंद्रीय बैंक की सख्ती

पिछले कुछ महीनों में एनबीएफसी के खिलाफ आरबीआई की सख्ती से यह साफ हो गया है कि दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने पर एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के ताजा बयान के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने वाले बैंकों-एनबीएफसी के खिलाफ आरबीआई की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कामकाज की सराहना करते हुए यह भी कहा है कि उनकी एसेट क्वालिटी अच्छी है, इसका मतलब यह है कि नियामकीय दिशा-निर्देशों का ठीक से पालन करने वाली कंपनियों के लिए निकट भविष्य में कोई परेशानी नहीं पैदा होने वाली है।

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