ICICI-VIDOCON लोन केस में चंदा कोचर और उनके पति की गिरफ्तारी गैरकानूनीः हाईकोर्ट

बॉम्बे हाई कोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को अवैध बताया है।
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हाईलाइट्स

  • जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई और एन. आर. बोरकर की पीठ ने सुनाया यह फैसला

  • चंदाकोचर व उनके पति को 9 जनवरी 2023 को दी गई थी अंतरिम जमानत

  • वीडियोकॉन के 3,250 करोड़ कर्ज में अनियमितता के आरोप में हुई थी गिरफ्तारी

राज एक्सप्रेस। बॉम्बे हाई कोर्ट ने आज 6 फरवरी को आईसीआईसीआई और वीडियोकॉन लोन केस की सुनवाई करते हुए कहा कि इस केस में आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंधन निदेशक और मुख्य कार्यकारी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध थी। सीबीआई ने इस मामले में चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 24 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई और एन. आर. बोरकर की दो सदस्यीय पीठ ने ने कोचर दंपति को मिली अंतरिम जमानत की पुष्टि करते हुए यह फैसला सुनाया। बता दें कि दोनों को 9 जनवरी, 2023 को अंतरिम जमानत दी गई थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 24 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने साल 2012 में वीडियोकॉन समूह को दिए गए 3,250 करोड़ के कर्ज में अनियमितता बरतने के आरोप में चंदा कोचर और उनके पति की गिरफ्तारी की गई थी। आरोप है कि कोचर के पति और उनकी फैमिली को इस डील से फायदा पहुंचा था।

आरोपों के अनुसार वीडियोकॉन के पूर्व अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर रिन्यूएबल्स में करोड़ों रुपये निवेश किए थे। इस कंपनी की स्थापना दीपक कोचर ने की थी और इसमें धूत का निवेश वीडियोकॉन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक की ओर से लोन दिए जाने के बाद हुआ था। वीडियोकॉन समूह को अनुचित लाभ पहुंचाने के आरोपों के बाद चंदा कोचर ने अक्टूबर 2028 में आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था।

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