संपत्ति खरीदने ARC के लिए आरबीआई के सख्त मानदंड

“आरबीआई के निर्देश से प्रभावित होने वाली फर्म एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (इंडिया) (Arcil) है, जो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और आईडीबीआई बैंक द्वारा प्रायोजित है।”
RBI Norms for ARCs
RBI Norms for ARCs Kavita Singh Rathore -RE
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हाइलाइट्स :

  • स्पॉन्सरशिप पर रिज़र्व बैंक (RBI) को आपत्ति

  • वित्तीय परिसंपत्तियों की नीलामी में भाग ले सकेंगी ARCs

  • RBI ने ARCs पर एफआई से संपत्ति खरीदने के नियम किये सख्त

राज एक्सप्रेस। भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि, परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों को अब बैंकों या वित्तीय संस्थानों (फाइनेंसियल इन्सिटीट्यूशन्स-एफआई) से द्विपक्षीय रूप से संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि, वे उनके प्रायोजकों में से एक हैं।

क्योंकि वे प्रायोजक हैं :

रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि, एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनियों (एआरसीज़- ARCs) को अब बैंक या वित्तीय संस्थानों (एफआई) से संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं दी जाएगी। क्योंकि वे उनके प्रायोजकों में गिने जाते हैं।

एआरसी को उन संस्थानों से सीधे संपत्ति खरीदने से रोक दिया जाएगा, जिन्होंने उन्हें उधार दिया है, फंड की सदस्यता ली है या फिर वे एआरसी के समान समूह का हिस्सा हैं।

"हालांकि, वे (एआरसीज़- ARCs) वित्तीय परिसंपत्तियों की नीलामी में भाग ले सकते हैं बशर्ते कि, इस तरह की नीलामी पारदर्शी तरीके से और कीमतें बाजार की ताकतों द्वारा निर्धारित हों।"

RBI

आर्किल पर प्रभाव :

भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्देश से एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी (इंडिया) (आर्किल- Arcil) फर्म प्रभावित होगी। जो भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), आईसीआईसीआई बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और आईडीबीआई बैंक द्वारा प्रायोजित है। प्रमुख एफआई द्वारा प्रायोजित अन्य एआरसी एडेलवाइस एआरसी, जेएम फाइनेंशियल एआरसी और फीनिक्स एआरसी हैं, जिनको कोटक समूह प्रमोट करता है।

ताकि निवेशक आकर्षित हों :

सेक्टर पर नजर रखने वालों ने लंबे समय से भारत में तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए बाजार का विस्तार करने का आह्वान किया है, ताकि पेंशन फंड जैसे अधिक दीर्घकालिक निवेशक आकर्षित हो सकें। बाजार में विदेशी संस्थाओं की भागीदारी को नियंत्रित करने वाले स्पष्ट नियमों की अनुपस्थिति में, ऐसी संस्थाओं ने अक्सर तंग या पचड़े वाली संपत्ति खरीदने के लिए एआरसी का उपयोग किया है।

दिसंबर 2018 में, बैंक ऑफ अमेरिका ने एसेट्स केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइज (एकर- Acre) के माध्यम से ऋण-ग्रस्त जयसवाल नेको में हिस्सेदारी खरीदी, जबकि विदेशी बैंकों के जरिए तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के अधिग्रहण करने, आसान मानदंडों की मांग करने आरबीआई तक पहुंच भी बनाई।

RBI से सिफारिश :

कॉर्पोरेट लोन के द्वितीयक बाजार (सेकंडरी मार्केट) के विकास के लिए एक टास्क फोर्स ने साल की शुरुआत में आरबीआई को सिफारिश की थी कि, विदेशी (फॉरेन) पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को कुछ वार्षिक विवेकपूर्ण सीमाओं के भीतर भारतीय बैंकों से सीधे तनावग्रस्त ऋण खरीदने की अनुमति दी जानी चाहिए।"हाल के वर्षों में विनियामक परिवर्तन का उद्देश्य एआरसी को प्रेरित करते हुए तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए संभावित निवेशक आधार में विविधता लाना है।"

अधिक जवाबदेह :

विश्लेषकों का कहना है कि, नियामक ने हाल के वर्षों में एआरसी को बाजार में उनकी भागीदारी के लिए अधिक जवाबदेह बनाने की कोशिश की है। गौरतलब है अगस्त 2014 में, एआरसी द्वारा परिसंपत्तियों के अधिगृहण की न्यूनतम निवेश अहर्ता 5% से बढ़ाकर 15% कर दी गई थी।

"हाल के वर्षों में विनियामक परिवर्तन का उद्देश्य एआरसी को प्रेरित करते हुए तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए संभावित निवेशक आधार में विविधता लाना है।"

क्रिसिल, रेटिंग एजेंसी

क्रिसिल ने कहा कि, सुरक्षा प्राप्तियों (SRs) की गणना के मुताबिक एआरसी के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) के तहत बकाया, 31 मार्च, 2019 को 1 लाख करोड़ रुपया सीमा को पार कर गया। यह पिछले वर्ष से 7% अधिक रहा।

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