हाइलाइट्स :
Amazon ने कर ली है 'फूड डिलिवरी मार्केट' में उतरने की तैयारी
अगले 3 महीनों में शुरू हो जाएगा फूड डिलिवरी Amazon बिजनेस
Amazon ने बिजनस के लिए Infosys से हाथ मिलाया
बीते 3 महीनों से कर रही एक साथ काम
राज एक्सप्रेस। आज भारत सहित पूरी दुनिया में ऑनलाइन मार्केट का चलन बहुत तेजी से बढ़ा है चाहे वो घरेलू प्रोडक्ट के क्षेत्र में हो या फूड डिलिवरी के क्षेत्र में। इसी के चलते आज कई कंपनियां ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स में तो कई फूड डिलिवरी प्लेटफार्म की तरफ तेजी से बढ़ रही हैं। इसी राह पर अब बहुचर्चित ई-कॉमर्स कंपनी Amazon भी दुनिया भर में IT क्षेत्र की जानी-मानी कंपनी Infosys के साथ हाथ मिलाकर फूड डिलिवरी मार्केट में उतरेगी।
3 महीनों से कर रहीं एक साथ काम :
हाल ही में Amazon के CEO 'जेफ बेजोस' और Infosys के CEO 'एनआर नारायणमूर्ति' ने इस बात की घोषणा की है कि, दोनों कंपनियां संयुक्त रूप से आने वाले माह से ऑनलाइन फूड डिलिवरी मार्केट में एक साथ कदम रखेंगी। उन्होंने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि, दोनों कंपनियां बीते 3 महीनों से एक साथ मिलकर अमेजन प्राइम (अमेजन फ्रेश प्लेटफॉर्म) के द्वारा लॉन्च होने वाली इस योजना पर कार्य कर रही हैं और इस पायलट प्रोजेक्ट की टेस्टिंग वर्तमान में बेंगलुरु में चल रही है। कंपनियां जल्द ही इसे पूरे देश में शुरू करेंगी।
Amazon का मुकाबला :
फूड डिलिवरी मार्केट में उतरते ही Amazon का सीधा मुकाबला मार्केट में पहले से उपस्थित दो बड़ी फूड डिलिवरी कंपनियां स्विगी और जोमैटो से होगा। बताते चलें, की इन दोनों कंपनियों के आगे अभी तक उबर जैसी कंपनी तक नहीं टिक पाई है। उबर ने फूड डिलिवरी का कारोबार जोमैटो को बेच कर अपना पल्ला इस मार्किट से झड़ा लिया और तब से ही जोमैटो का मार्केट शेयर 55% तक हो गया। वहीं रेवेन्यू के तौर पर स्विगी का मार्केट शेयर लगभग 60% है।
देश में ऑनलाइन फूड मार्केट की स्थिति :
हाल ही में गूगल और बॉस्टन कंस्लटिंग ग्रुप ने अपने रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ऑनलाइन फूड मार्केट की रफ़्तार 25 से 30% की तेजी से बढ़ रहा है। यदि हम भारत में पिछले साल 2019 का में फूड डिलिवरी मार्केट रेवेन्यू देखे तो यह 55 हजार करोड़ रूपये का था। वहीं साल 2020 में फूड डिलिवरी मार्केट रेवेन्यू के 10 हजार करोड़ रूपये बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिससे यह 65 हजार करोड़ रूपये हो जाएगी।
Amazon के समाने बड़ी दिक्कत :
दरअसल, हाल ही में स्विगी ने फूड बिजनेस को रफ़्तार देने के लिए 'क्लाउड किचन' से अपने आप को जोड़ रहा है, उसी तरह जोमैटो भी खुद को 'प्रोजेक्ट किसान' से जोड़ने को लेकर काम कर रहा है। अब ऐसे में Amazon क्या करेगा ? यदि कंपनी ऐसा कुछ नहीं सोच पाई तो, कंपनी फूड डिलिवरी बाजार में एंट्री तो कर लेगी, लेकिन इसके बाद कंपनी को कई बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
रेस्टॉरेंट चेन के मालिक ने बताया :
बेंगलुरु के एक रेस्टॉरेंट चेन के मालिक ने जानकारी देते हुए बताया कि, "ऑनलाइन फूड डिलीवरी का ऑर्डर लेकर ग्राहकों को फूड पहुंचाने की सर्विस देने वाली यह कंपनियां अपना कमीशन पहले नहीं लेती हैं। यह कमीशन बढ़ाती जाती हैं। जिस के कारण रेस्टॉरेंट को नुकसान उठाना पड़ता है। इतना ही नहीं यह कंपनियां यदि कमीशन को घटाने की बात करो तो, रेटिंग घटाने की धमकी देने लगती हैं। लेकिन अब उम्मीद है कि, Amazon के फूड डिलीवरी मार्केट में उतरने के बाद ऐसा नहीं होगा और कंपनी मजबूत नेटवर्क से ऑनलाइन फूड मार्केट में कार्य करेगी।
ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।