राज एक्सप्रेस। किशोर बियानी का फ्यूचर ग्रुप कर्ज में डूबा हुआ है। हालांकि अब अमेजन इंक ने कहा है कि वह फ्यूचर ग्रुप को कर्ज के दलदल से निकालने को तैयार है। लेकिन इसकी एक शर्त है। शर्त ये है कि फ्यूचर ग्रुप रिलायंस रिटेल वेंचर्स के साथ अपनी 24700 करोड़ रुपए की डील खत्म कर ले। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा,फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड में 49 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली अमेजन ने पहले भी किशोर बियानी की स्ट्रैटेजिक पार्टनर हासिल करने में अनौपचारिक तरीके से मदद की थी। कर्ज के दलदल से निकालने के लिए अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप को कई संस्थागत निवेशकों से भी मदद करवाई है। इस मामले में नाम जाहिर ना करने की शर्त पर एक सूत्र ने बताया कि अमेजन ने फ्यूचर कूपन पैक्ट में नॉन कॉम्पीट की शर्त तोड़ने पर फ्यूचर ग्रुप पर केस भी किया है लेकिन इसके बावजूद कंपनी फ्यूचर ग्रुप की मदद करने को तैयार है। फ्यूचर ग्रुप की मदद करने के पीछे अमेजन की मंशा रिलायंस रिटेल के साथ डील खत्म करना है। क्योंकि अगर यह डील पूरी होती है तो जियो मार्ट की पहुंच बहुत बढ़ जाएगी जिससे अमेजन को नुकसान हो सकता है। मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल ऑनलाइन रिटेल सेगमेंट में अपनी पहुंच बढ़ाने की तैयारी में है। यहां पहले से ही फ्लिपकार्ट और अमेजन का दबदबा है।
डील को लेकर अमेजन चिंतित :
जानकारों का कहना है कि अमेजनए आरआईएल और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए इस डील चिंतित हुई है। क्योंकि इससे भारत में कंपनी को कड़ी टक्कर मिल सकती है। अमेजन की नजर फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, एफबीबी और अन्य के लोकल आउटलेट पर है क्योंकि इसके जरिए अमेजन लोकल मर्चेंडाइज प्रोडक्ट्स को कम भाव में बड़े स्तर पर खरीदारों के घर तक एक दिन में ही पहुंचा सकता है। अब ऐसी स्थिति में अगर फ्यूचर ग्रुप और आरआईएल के बीच डील पूरी हो जाती है तो अमेजन और फ्यूचर कूपन के बीच जो साझेदारी है, उसका कोई मतलब नहीं होगा।
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