राज एक्सप्रेस। बीते दिनों में बैंको को हुए घाटे के चलते आये दिन बैंको के मर्ज होने की खबरें सामने आई थीं। इस दौरान लगभग देश के 10 सरकारी बैंकों का विलय भी हुआ। वहीं अब इन विलय हुए बैंको से जुड़ी एक बड़ी खबर सुनने में आरही है। दरअसल, विलय हुए 10 सरकारी बैंक 1 अप्रैल से 4 बैंकों में तब्दील हो जाएंगे। इनमे से एक इलाहाबाद बैंक और दूसरा इंडियन बैंक के विलय द्वारा तैयार होगा। इन बैंको के विलय के बाद बैंकों की सेवाओं और नियमों में छोटे-बड़े बदलाव भी आएँगे। इलाहाबाद बैंक और इंडियन बैंक के विलय से 7वां सबसे बड़ा बैंक बनेगा।
1 अप्रैल से ही क्यों :
सरकार को इन बैंको के नीति नियमों और कार्य प्रणाली को विभाजित करने में समय लगेगा और जिसके लिए सरकार को कुछ समय की जरूरत होगी। फिलहाल सरकार का विशेष ध्यान बैंको पर, उनके कार्यकलापों पर ही है। इसी कारण इन बैंको के बंटवारे के लिए 1 अप्रैल तक का समय रखा गया है। बता दें कि, जैसे ही यह काम पूरा होगा दोनों बैंकों के विलय से निर्मित हुए नए बैंक अस्तित्व में आ जाएंगे। इसके अलावा बैंकों के विलय हो जाने के बाद नए संस्थान का कारोबार भविष्य के दो से तीन सालों में लगभग 10 लाख करोड़ रुपये तक का होगा।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार :
इलाहाबाद बैंक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन बैंको के विलय के बाद तैयार नए बैंक की 10,000 शाखाएं खोलने का विचार है जो, पूरे देश में खुलेंगी और साथ ही अगले सालों में कारोबार को 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने की योजना है। इन योजनाओं को बैंक काफी सकारात्मक रूप से देख रही है।
7वां सबसे बड़ा बैंक :
चेन्नई के इंडियन बैंक और कोलकाता के इलाहाबाद बैंक के विलय होने के बाद ये बैंक देश के बैंकिंग सेक्टर में कैपिटलाइजेशन के तौर पर 7वें सबसे बड़े बैंक के रूप में उभर कर आएँगे। इस विलय की प्रोसेस के लिए इंडियन बैंक को एंकर बैंक (बड़ी प्रॉपर्टी) माना जा रहा है। बताते चलें कि, वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के आंकड़ों के हिसाब से वर्तमान में यदि दोनों बैंको का कारोबार जोड़ देंगे तो यह आंकड़ा 8.44 लाख करोड़ रुपये का होगा। वही वर्तमान में पूरे देश में दोनों बैंकों की लगभग में 6,062 ब्रांच मौजूद हैं।
इंडियन बैंक का है 4.5 लाख करोड़ का बिजनेस :
31 दिसंबर, 2019 के आंकड़ों के अनुसार, इंडियन बैंक ने 4.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया है और देश भर में बैंक की 2,887 शाखाएं मौजूद हैं। वहीं, इलाहाबाद बैंक का काराबोर 3.94 लाख करोड़ रुपये है और 3,175 शाखाएं हैं। खबरों के अनुसार, दोनों बैंकों के मर्ज होने के बाद भी बैंक की अन्य ब्रांच चलती रहेंगी। केवल कुछ ऐसी ब्रांचो को बंद किया जाएगा, जहां दोनों बैंकों की ब्रांच आस-पास में होंगी। आपको यह भी बता दें कि, केंद्र सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की है।
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