राज एक्सप्रेस। भारत में तेजी से फैल रही कोरोना महामारी के चलते सभी परेशान हैं, परन्तु काफी समय तक लगातार रहे लॉकडाउन के कारण देश में आर्थिक मंदी के हालात बनने लगे थे। इसलिए धीरे-धीरे करके लगभग सभी सेवाएं फिर से शुरू कर दी गईं। इनमें रेल यात्राएं भी शामिल हैं। हालांकि, रेलवे द्वारा धीरे-धीरे करके कई रूट्स पर याताराओं को शुरू किया, उसके बाद भी कई ट्रेने अभी तक नहीं चल रही थी, लेकिन जल्द ही अब रेलवे द्वारा अपनी यात्री सेवाएं पूरी तरह बहाल की जा सकती है।
रेलवे का विचार :
दरअसल, भारतीय रेलवे द्वारा पिछले साल लागू हुए लॉकडाउन यानी मार्च से लेकर अब तक कई सारी ट्रेनें स्पेशल ट्रेनों के नाम पर चलाई गई हैं, लेकिन इसके बाद भी कई रूट्स पर ट्रेनों का संचालन ठप्प पड़ा हुआ है। जिसके कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे यात्रियों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने रेल सेवाओं को पूरी तरह शुरू करने पर विचार किया है और रेलवे अगले दो महीनो के दौरान ऐसा करने वाला है। रेलवे द्वारा सभी ट्रेनों को फिरसे शुरू करने के बाद स्थिति कोरोना काल से पहले वाली हो जाएगी। हालांकि, ऐसा होना फिलहाल राज्य सरकारों की मंजूरी पर आधारित है।
चलाई जा सकती सभी स्पेशल ट्रेनें :
खबरों की मानें तो, रेलवे द्वारा पूरी तरह शुरू की जाने वाली यात्री सेवा के तहत सभी स्पेशल ट्रेनों को शामिल किया जा सकता है। यानी कि, शुरू होने वाली सभी ट्रेनें रेगुलर नहीं बल्कि स्पेशल होने की संभावना बताई जा रही है। बताते चलें, देशभर में अब तक चलाई गई ट्रेनें सिर्फ दो तिहाई पैसेंजर ट्रेनें ही हैं, जिनमें स्पेशल ट्रेन भी शामिल है। इसके अलावा रेलवे द्वारा जिन स्पेशल ट्रेनों का संचालन वर्तमान समय में किया जा रहा है, उन ट्रेनों का किराया रेगुलर से थोड़ा ज्यादा है। साथ ही उनमें कुछ कैटेगरी को छोड़ कर कोई रियायत भी नहीं दी गई है।
चलाई जा रही रिजर्व ट्रेन :
बताते चलें, वर्तमान समय में रेलवे द्वारा पूरी तरह रिजर्व ट्रेनों का ही संचालन किया जा रहा हैं। ऐसा कोविड के चलते ही किया जा रहा था जिससे ट्रेनों में भीड़ न हो और लोग अपनी रिजर्व सीट पर ही बैठे। इतना ही नहीं काफी समय तक रेगुलर पैसेंजर ट्रेन का संचालन भी बंद रहा इसके बाद रेलवे ने मई के बाद से स्पेशल ट्रेनों की सेवाएं शुरू की। गौरतलब है कि, देशभर में कोरोना काल से पहले चलने वाली ट्रेनें
पहले रोजाना 1,768 एक्सप्रेस और मेल ट्रेनें चलती थीं। जबकि, अब मात्र 1,353 ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं।
पहले रोजाना 3,634 पैसेंजर ट्रेन चलती थीं। जबकि, अब मात्र 740 ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं।
पहले रोजाना 5,881 लोकल ट्रेन चलती थीं। जबकि, अब मात्र 5,381 ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं।
यदि प्रतिशत में देखा जाए तो, पहले की तुलना में 77% एक्सप्रेस और मेल ट्रेन के अलावा सिर्फ 20% पैसेंजर ट्रेन चल रही हैं। वहीं, उपनगरीय रेल सेवा की 91% ट्रेन चल रही हैं।
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