Boeing 737 MAX: राकेश झुनझुनवाला के आकास (Akasa) में शामिल होगा बोइंग 737 मैक्स!

मॉडल 737 मैक्स-8 जेट (737 Max-8 jets) की 70 इकाइयों के लिए एक ऑर्डर की स्टिकर कीमत 8.5 बिलियन डॉलर के आसपास होगी। इसमें छूट भी मिल सकती है।
इंडियन वारेन बफेट के रूप में मशहूर राकेश झुनझुनवाला अब अपनी नई तैयारी के लिए चर्चा में हैं। सांकेतिक तस्वीर -
इंडियन वारेन बफेट के रूप में मशहूर राकेश झुनझुनवाला अब अपनी नई तैयारी के लिए चर्चा में हैं। सांकेतिक तस्वीर -Neelesh Singh Thakur – RE
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हाइलाइट्स –

  • झुनझुनवाला का हवाई अवतार

  • चर्चा Boeing 737 MAX लाने की

  • आकास (Akasa) एयर सर्विस की तैयारी

राज एक्सप्रेस (Raj Express)। इंडियन शेयर मार्केट में निवेश रुझान तय करने के लिए इंडियन वारेन बफेट के रूप में मशहूर राकेश झुनझुनवाला अब अपनी नई तैयारी के लिए चर्चा में हैं। वो ऐसी हवाई उड़ान की तैयारी में दिख रहे हैं जिसमें निवेश का इतिहास उतना उज्ज्वल नहीं रहा है।

इशारा बोइंग की तरफ -

बोइंग कंपनी (Boeing Co.) 737 मैक्स जेट (737 Max jets) बेचने के लिए एक नव निर्मित भारतीय बजट वाहक के साथ उन्नत चर्चा में है। मामले से जुड़े जानकारों के अनुसार, यह सौदा अमेरिकी योजनाकार को एयरबस एसई (Airbus SE) के प्रभुत्व वाले एक प्रमुख एशियाई बाजार में महत्वपूर्ण सफलता दे सकता है।

अरबपति निवेशक राकेश झुनझुनवाला (Billionaire investor Rakesh Jhunjhunwala) समर्थित आकास (Akasa) एयरलाइन की एक अहम डील की भारत में चर्चा है।

नाम की गोपनीयता की शर्तों पर आधारित बिजनेस रिपोर्ट्स के मुताबिक सबसे ज्यादा बिकने वाले A320neo जेट के लिए ख्यात एयरबस (Airbus) से भी आकास (Akasa) एयर सर्विस के खास व्यापारिक एग्रीमेंट हो सकते हैं।

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हालांकि इस करार पर इसलिए भी संशय के बादल हैं क्योंकि A320neo जेट मॉडल की डिलीवरी कई सालों तक संभव नहीं है। ऐसे में आकास (Akasa) एयर का रुझान बोइंग के पक्ष में बदल सकता है। कहा जा रहा है कि; बातचीत को अंतिम रूप नहीं दिया गया है और चर्चा बीच में टूट भी सकती है।

प्रारंभिक अनुमोदन की दरकार -आकास एयर को भारत के उड्डयन मंत्रालय से प्रारंभिक अनुमोदन की दरकार होगी। कहा जा रहा है कि; विमानों के वित्तपोषण के लिए बिक्री और लीजबैक सौदों का उपयोग करने की आकास (Akasa) एयर की योजना है।

यह नई एयरलाइन को पट्टे पर देने वाली फर्मों से नकद राशि हासिल करने की अनुमति देगा। इसके अनुसार यह जेट विमानों पर कब्जा कर लेती हैं।

झुनझुनवाला की योजना चार साल में 70 विमानों के बेड़े के संचालन की है। व्यवसायी ने पिछले महीने ब्लूमबर्ग टेलीविजन साक्षात्कार में यह मंशा जाहिर की थी।

होगी इतनी कीमत -

सबसे लोकप्रिय मॉडल 737 मैक्स-8 जेट (737 Max-8 jets) की 70 इकाइयों के लिए एक ऑर्डर की स्टिकर कीमत 8.5 बिलियन डॉलर के आसपास होगी। इसमें छूट भी मिल सकती है। दरअसल बड़े विमान ऑर्डर में कीमत में छूट मिलना आम बात है। मार्केट के मुताबिक बोइंग इस सौदे पर सामान्य से अधिक छूट की पेशकश कर सकती है।

बोइंग का लक्ष्य -

बोइंग के एक प्रतिनिधि ने कहा कि कंपनी हमेशा श्रेष्ठ अवसरों की तलाश करती है। साथ ही वर्तमान और संभावित ग्राहकों के साथ लगातार संपर्क में रहती है। ताकि यह जाना जा सके कि ग्राहकों के बेड़े और परिचालन आवश्यकताओं का सर्वोत्तम समर्थन कुशलतम तरीके से कैसे किया जा सकता है। हालांकि झुनझुनवाला की तरफ से इस मेगा डील के बारे में फिलहाल कोई रुझान नहीं आया है।

आकास (Akasa) दुनिया के सबसे कठिन विमानन बाजारों में से एक पर अपने आप में एक बड़ा महत्वाकांक्षी दांव है। जहां 30% तक के प्रांतीय कर जेट ईंधन की लागत को दुनिया में सबसे अधिक में से एक बनाते हैं। सफल स्टॉक पिकिंग के लिए भारत के वारेन बफेट के रूप में मशहूर झुनझुनवाला के अलावा आकास (Akasa) को मार्केट लीडर इंडिगो के पूर्व प्रमुख आदित्य घोष और डेल्टा एयर लाइन्स इंक के पूर्व कार्यकारी और जेट एयरवेज के पूर्व प्रमुख विनय दुबे का समर्थन प्राप्त है। -ब्लूमबर्ग

बोइंग को फायदा -

किसी भी तरह का लेनदेन बोइंग की भारत में जड़ें मजबूत करेगा। भारत इस समय सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजार में शुमार है।

जहां उसके पास 737 मैक्स के लिए एकमात्र अन्य भारतीय ग्राहक के रूप में स्पाइसजेट लिमिटेड (SpiceJet Ltd.), जेट एयरवेज इंडिया (Jet Airways India Ltd.) लिमिटेड के ही अधिकतम ऑर्डर रहे। जो कि सैकड़ों एयरबस विमानों के वर्चस्व वाले दुनिया के तीसरे सबसे बड़े घरेलू बाजार को छोड़कर 2019 में कर्ज के बोझ तले दब गई।

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नियामक अनुमोदन जरूरी -

सूत्रों ने कहा कि चर्चा सात महीने के भीतर जल्द से जल्द शुरू होने वाली एयर सर्विस के लिए 80 विमानों की खेप के सौदे से संबंधित है।

याद रखें एयरलाइन व्यवसाय शुरू करने के लिए औपचारिक रूप से कोई भी घोषणा आकास (Akasa) की नियामक अनुमोदन प्राप्ति पर निर्भर करेगी।

737 Max का काला अतीत -

737 मैक्स पर 2019 में हुईं दो घातक दुर्घटनाओं के बाद रोक दी गई थी। इनमें 346 लोग मारे गए थे। इसके बाद अन्य प्रमुख न्यायालयों की तुलना में एशिया-प्रशांत में इसकी वापसी में अधिक समय लगा।

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अमेरिका, यूरोप और अधिकांश अन्य देशों ने पिछले साल के अंत में व्यापक सुधारों के बाद 737 मैक्स पर लगा प्रतिबंध हटा लिया। चीन, इसका सबसे बड़ा बाजार क्षेत्र है जबकि भारत ने अभी तक इस विमान करार पर हस्ताक्षर नहीं किया है।

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स्पाइसजेट का अनुभव -

लोगों ने कहा कि स्पाइसजेट ने 737 मैक्स जेट मॉडल विमानों में से अपने 13 विमानों को निष्क्रिय देखा, जो अब तक मुआवजे के पैकेज पर बोइंग से सहमत नहीं है। साथ ही एयरलाइन के द्वारा मुआवजे के पहले और अधिक डिलीवरी लेने की संभावना नहीं है।

आपको बता दें स्पाइसजेट ने मीडिया की टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। भारत के बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार ने बातचीत के बारे में सूचना दी।

चर्चा यह भी -

बोइंग और यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने भारतीय नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, सेक्टर नियामक के साथ जेट की सेवा में वापसी के बारे में चर्चा की है।

बोइंग ने जेट को आसमान में सुरक्षित रूप से लौटाने वैश्विक नियामकों के साथ काम करना जारी रखा है। कुल 195 वैश्विक नियामकों में से 170 से अधिक ने मैक्स के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोल दिया है।

ब्लूमबर्ग के अनुसार बताया जा रहा है कि; राकेश झुनझुनवाला भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय से संपर्क में हैं। साथ ही इस संदर्भ में आगामी 15 दिनों में नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NoC) भी ले सकते हैं। झुनझुनवाला ने भारत में लो कॉस्ट एयर सर्विस शुरू करने की मंशा जताई है। जैसी की खबरें हैं कि; इसका नाम आकास/आकासा एयर (Akasa Air) रखा जाएगा।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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