राज एक्सप्रेस। भारत में बढ़ रहे कोरोना प्रकोप के चलते भारत की हवाई यात्रा प्रदाता कंपनी 'Air India' ने अपने कर्मचारियों से जुड़ा एक अहम् फैसला लिया है। दरअसल, पूरी दुनिया आर्थिक मंदी झेल रही है। इस आर्थिक मंदी का असर लगभग सभी सेक्टरों पर नजर आ रहा है। इसी के चलते Air India (AI) ने केवल पायलटों द्वारा सुझाए गए सुझावों का पालन करने का ऐलान कर दिया है।
पायलटों के सुझाव :
दरअसल, Air India के केवल पायलटों द्वारा सुझाव पेश किया गया था कि, कोरोना वायरस महामारी जैसे कठिन समय में कर्मचारियों को बिना वेतन अवकाश पर भेजा दिया जाए। इस फैसले को लेकर नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सहमति जताई थी। विमानन मंत्री ने भी एयर इंडिया के कुछ कर्मचारियों को 5 साल के लिए बिना वेतन अवकाश पर भेजने के फैसले को सही बताते हुए कहा था कि, Air India में हर साल 500-600 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश 'वहनीय' नहीं है। साथ ही कंपनी को लागत काम करने के लिए अन्य कई और उपाय करने होंगे।
कर्मचारियों का चुनाव :
बताते चलें, Air India कंपनी कुल 125 एयरक्राफ्ट का परिचालन करती है और कंपनी के HR और फाइनेंसियल डिपार्टमेंट में करीब 1600 के आसपास या इससे कुछ अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। अब इन कर्मचारियों में से चयन किया जाना है कि, किसे बिना बेतन के छुट्टी पर भेजा जाएगा और यह चुनाव कर्मचारियों की दक्षता, स्वास्थ्य और अतिरिक्त संख्या के हिसाब से किया जाएगा।
विमानन मंत्री का बयान :
इस मामले में विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बयान जारी किया था कि, "हमारे पास और क्या विकल्प है? यदि विकल्प होते तो लागत में इतनी कटौती की जरूरत नहीं होती। अगली बार जब मैं वित्त मंत्री के कमरे में प्रवेश करूंगा, तो मुझे कुछ घबराहट होगी। यदि एयर इंडिया अभी सरकार से वित्तीय समर्थन मांगे तो उसके लिए एयरलाइन की मदद करना संभव नहीं होगा। सरकार को कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित समाज के कमजोर तबकों को राहत प्रदान करनी है।"
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