नौ दिन की तेजी के बाद ब्याज दरों में वृद्धि की आशंकाओं से सोने में एक फीसदी की गिरावट

सोने की चमक आज थोड़ी फीकी पड़ गई है! लगातार नौ दिनों की बढ़त के बाद आज सोने की कीमतों में 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है।
After nine days of rise, there was a decline in gold prices
After nine days of rise, there was a decline in gold prices Raj Express
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हाईलाइट्स

  • बुधवार को एमसीएक्स पर सोना 65,520 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुला

  • एमसीएक्स पर चांदी 73,810 रुपये प्रति किलो ग्राम के स्तर पर खुली

राज एक्सप्रेस । सोने की चमक आज थोड़ी फीकी पड़ गई है! लगातार नौ दिनों की बढ़त के बाद आज सोने की कीमतों में 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट की मुख्य वजह अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े हैं, जो फरवरी में उम्मीद से ज्यादा रहे हैं। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर बुधवार को सोने की कीमतें 65,520 रुपये प्रति 10 ग्राम पर खुलीं और 65,450 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गईं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें 2,159.19 डॉलर प्रति औंस के आसपास रहीं। इस बीच, चांदी 73,810 रुपये प्रति किलोग्राम पर खुली और एमसीएक्स पर 73,700 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 24.09 डॉलर प्रति औंस के आसपास रही।

कल सोने की कीमतों में 0.84% ​​की गिरावट देखने को मिली है। यह 64481 के स्तर पर बंद हुई। हाल ही में सोने ने 66356 के स्तर का नया उच्चतम स्तर बनाया है। चांदी की कीमतों में 0.89% की गिरावट आई है और यह 73850 के स्तर पर बंद हुई है। फरवरी के महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति अपेक्षा से अधिक होने के बाद अमेरिकी ब्याज दरों में लंबे समय तक बढ़ोतरी की आशंकाओं के कारण सोने की कीमतें मुख्य रूप से प्रभावित हुईं हैं। मंगलवार के आंकड़ों के बाद डॉलर और ट्रेजरी यील्ड बढ़ी है, जिसकी वजह से सर्राफा कीमतों पर दबाव निर्मित हुआ है।

फरवरी महीने में अमेरिका में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़े आए थे। ये आंकड़े बताते हैं कि वहां महंगाई दर उम्मीद से ज्यादा बढ़ी है। आमतौर पर महंगाई बढ़ने से सोने की मांग बढ़ती है और उसकी कीमतें भी चढ़ती हैं, लेकिन इस बार हुआ उल्टा। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस आंकड़े से ये आशंका जगी कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, बल्कि उन्हें बढ़ा सकता है। दरअसल, ब्याज दरें कम होने से सोने में निवेश बढ़ता है, लेकिन दरें बढ़ने से सोने की चमक फीकी पड़ जाती है। फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना कमजोर पड़ने के बाद से पिछले नौ दिनों में पहली बार सोने की कीमत में गिरावट देखने को मिली है।

फरवरी में अेरिकी उपभोक्ता कीमतों में बढ़ोतरी हुई, जिससे मुद्रास्फीति में कुछ स्थिरता का संकेत मिलता है। आंकड़ों से पता चला कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) फरवरी में मासिक रूप से 0.4% बढ़ा और 3.1% पूर्वानुमान से ऊपर रहा, जबकि सालाना आधार पर 3.2% बढ़ा है। लोगों का ध्यान अब अगले सप्ताह होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक पर केंद्रित हो गया है। सीएमई फेड-वॉच टूल के अनुसार, बाजार अभी भी जून तक अमेरिकी दर में कटौती की लगभग 70% संभावना पर मूल्य निर्धारण कर रहा है। फेडरल रिजर्व के कई अधिकारियों ने पिछले कुछ सप्ताह में अपनी टिप्पणियों में उल्लेख किया था कि इस साल किसी भी दर में कटौती का समय और पैमाना मुद्रास्फीति से निकटता से जुड़ा होगा।

अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े सामने आने के बाद, डॉलर हालिया गिरावट के बाद से एक बार फिर स्थिर हो गया है। जिसका असर धातु की कीमतों पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। आज की तिथि में अमेरिका से कोई प्रमुख डेटा पॉइंट निर्धारित नहीं हो रहा है तो भी बाजार सहभागियों की नज़र यूके जीडीपी और ईयू आईआईपी डेटा पर लगी रहेगी। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में फेडरल रिजर्व यह तय करेगा कि ब्याज दरों में कोई बदलाव किया जाए या नहीं। बाजार को अब भी उम्मीद है कि जून तक फेड दरों में कटौती कर सकता है, लेकिन मुद्रास्फीति के आंकड़ों के बाद ये संभावना कमजोर पड़ गई है। आज के दिन चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज देखने को मिली है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतें 24.09 डॉलर प्रति औंस के आसपास रहीं।

अमेरिका में महंगाई का डर: फरवरी महीने में अमेरिका में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़े आए थे। ये आंकड़े बताते हैं कि वहां महंगाई दर उम्मीद से ज्यादा बढ़ी है। आमतौर पर महंगाई बढ़ने से सोने की मांग बढ़ती है और उसकी कीमतें भी चढ़ती हैं, लेकिन इस बार हुआ उल्टा। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस आंकड़े से ये आशंका जगी कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, बल्कि उन्हें बढ़ा सकता है। दरअसल, ब्याज दरें कम होने से सोने में निवेश बढ़ता है, लेकिन दरें बढ़ने से सोने की चमक फीकी पड़ जाती है।

डॉलर और बॉन्ड यील्ड का असर: अमेरिका में मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने के बाद वहां डॉलर की मजबूती बढ़ गई और सरकारी बॉन्ड की यील्ड भी बढ़ी। मजबूत डॉलर से सोना खरीदना महंगा हो जाता है, वहीं बॉन्ड यील्ड बढ़ने से निवेशकों का रुझान सोने से हटकर बॉन्ड की तरफ बढ़ जाता है। इन दोनों कारणों से भी सोने की कीमतों पर दबाव पड़ा।

अगले सप्ताह होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में फेडरल रिजर्व यह तय करेगा कि ब्याज दरों में कोई बदलाव किया जाए या नहीं। बाजार को अब भी उम्मीद है कि जून तक फेड दरों में कटौती कर सकता है, लेकिन मुद्रास्फीति के आंकड़ों के बाद ये संभावना कमजोर पड़ गई है। आज के दिन चांदी की कीमतों में भी गिरावट दर्ज देखने को मिली है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतें 24.09 डॉलर प्रति औंस के आसपास रहीं।

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