ईएफटीए के बाद कई स्विस कंपनियों ने भारत आने में दिखाई दिलचस्पी, चॉकलेट से लेकर ई-बसों तक का करेंगी उत्पादन

स्विट्जरलैंड की आर्थिक मामलों की मंत्री हेलेन बडलिगर ने कहा है कि स्विट्जरलैंड की कई कंपनियों ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने की अच्छा जताई है।
Helen Budliger, Switzerland's Economic Affairs Minister
Helen Budliger, Switzerland's Economic Affairs Minister Raj Express
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हाईलाइट्स

  • भारत और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए ने 10 मार्च को किया था समझौते पर हस्ताक्षर

  • 2025 तक भारत में 3,000 ई-बसों का उत्पादन करना चाहती है एचईएसएस ग्रीन मोबिलिटी

  • इसके लिए कंपनी अगले छह से आठ सालों में 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगी

राज एक्सप्रेस। स्विट्जरलैंड की आर्थिक मामलों की मंत्री हेलेन बडलिगर ने कहा है कि चॉकलेट बनाने वाले बैरी कैलेबाउट समूह से लेकर प्रौद्योगिकी कंपनी बुहलर समेत स्विट्जरलैंड की कई कंपनियों ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करने की अच्छा जताई है। हेलेन बडलिगर ने कहा कि एचईएसएस ग्रीन मोबिलिटी का इरादा 2025 तक भारत में लगभग 3,000 इलेक्ट्रिक बसों का उत्पादन करने का है। इसके लिए कंपनी अगले छह से आठ सालों में 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगी।

हेलेन बडलिगर ने बताया कि चॉकलेट मेकर बैरी कैलेबाउट समूह 2024 तक भारत में अपनी तीसरी मैन्युफैक्चरिंग इकाई शुरू करने का इच्छुक है। इसके साथ इस कंपनी का पिछले 5 सालों में भारत में निवेश बढ़कर पांच करोड़ डॉलर से अधिक हो जाएगा। इसी तरह प्रौद्योगिकी समूह बुहलर अगले दो से तीन साल में 2.3 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निवेश करेगा।

उन्होंने कहा कई स्विस कंपनियों ने भारत में निवेश करने की इच्छा जताई है। इनकी सूची बहुत लंबी है। उनमें से कई छोटी स्विस कंपनियां हैं, जो भारतीय बाजार में आना चाहती हैं। उल्लेखनीय है कि भारत और चार देशों के यूरोपीय समूह ईएफटीए ने बीते 10 मार्च को व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे।

इन देशों में आइसलैंड, लीशटेंस्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड जैसे देश शामिल हैं। इस समझौते में भारत को समूह के सदस्य देशों से 15 सालों में 100 अरब डॉलर की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि टीईपीए के लिए संसदीय अनुमोदन की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाएगी। भारत और ईएफटीए आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जनवरी, 2008 से आधिकारिक तौर पर टीईपीए पर बातचीत कर रहे थे।

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