देर आए दुरुस्त आए : 18 महीने बाद जम्मू-कश्मीर में शुरू हुई 4G इंटरनेट सेवा

धारा 370 निरस्त होने के बाद 5 अगस्त 2019 से ही पूरे जम्मू कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बंद थीं। प्रशासन ने आज से जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट की सेवाओं को इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है।
जम्मू-कश्मीर में शुरू हुई 4G इंटरनेट सेवा
जम्मू-कश्मीर में शुरू हुई 4G इंटरनेट सेवाPriyanka Sahu -RE
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जम्मू-कश्मीर। कश्मीर के लोगों के लिए खुशखबरी है, क्योंकि अब वहां के लोग भी उठा पायेंगे इंटरनेट का लुफ्त। दरअसल, धारा 370 निरस्त होने के बाद 5 अगस्त 2019 से ही पूरे जम्मू और कश्मीर में दूरसंचार और इंटरनेट सेवाएं बंद करने के आदेश दे दिए गए थे। प्रशासन ने आज से जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट की सेवाओं को इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। हालांकि, यहां 25 जनवरी से 2G मोबाइल इंटरनेट सेवाएं इस्तेमाल करने की अनुमति मिल चुकी थी। इस बारे में उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर जानकारी दी है।

कई महीनों से था इंटरनेट बंद :

जरा सोचकर देखिए, कभी आपका इंटरनेट बंद हो जाये तो? या आपको किसी कारणवश 2G इंटरनेट का इस्तेमाल करने पड़ जाए तो ? सोच कर ही थोड़ा अजीब लगता है न, क्योंकि, पिछले काफी समय से हम 4G इंटरनेट का इस्तेमाल करते आरहे हैं। अब जरा यह सोचिए कि, जम्मू कश्मीर में पिछले 18 महीनों से 4G इंटरनेट की सेवाएं बंद चल रही थीं। वहां के लोग बिना इंटरनेट के ही अपना जीवन यापन कर रहे थे, जबकि आज बिना इंटरनेट के रह पाना युवा वर्ग के लिए बहुत ही मुश्किल हो गया है। वहीं, सरकार ने जम्मू-कश्मीर वासियों को बड़ी रहत देते हुए 4G इंटरनेट सेवाओं को शुरू करने की अनुमति देदी है।

उमर अब्दुल्ला और सरकार के प्रवक्ता ने दी जानकारी :

इस बारे में पूर्व जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर जानकारी दते हुए बताया कि, '4G मुबारक! अगस्त 2019 के बाद पहली बार पूरे जम्मू-कश्मीर में 4G मोबाइल डेटा सर्विस बहाल हुई। देर आए दुरुस्त आए। जम्मू-कश्मीर में अगस्त 2019 में विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के पहले ही हाईस्पीड इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई थी।' उनके अलावा सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने भी ट्वीट कर बताया कि, 'जम्मू कश्मीर में 4G मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल की जा रही हैं।'

सुप्रीम कोर्ट का फैसला :

कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 10 जनवरी को फैसला सुनाया था। इसी दौरान कोर्ट ने बताया था कि, इंटरनेट का इस्तेमाल संविधान के अनुच्छेद-19 के तहत आता है, यह लोगों का मौलिक अधिकार है और मौलिक अधिकार जीने के हक के बराबर ही होते हैं। इसलिए इंटरनेट बहुत ज्यादा समय के लिए बंद नहीं किया जा सकता है।

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