RCL के अधिग्रहण के लिए 4 कंपनियों ने की अपनी इच्छा जाहिर
RCL के अधिग्रहण के लिए 4 कंपनियों ने की अपनी इच्छा जाहिरSyed Dabeer Hussain - RE

RCL के अधिग्रहण के लिए 4 कंपनियों ने की अपनी इच्छा जाहिर, बिक सकती है कंपनी

काफी समय से कर्ज के बोझ और विवादों में घिरी अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) के अधिग्रहण के लिए 4 कंपनियों ने अपनी इच्छा जाहिर की है।
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राज एक्सप्रेस। काफी समय से कर्ज के बोझ और विवादों में घिरी अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) की मुश्किलें एक बार बहुत अधिक बढ़ने के बाद पिछले दिनों कंपनी अपनी दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है। कंपनी को खरीदने के उस समय 54 कंपनियों ने बोलियां लगाई थीं, लेकिन उस समय नियुक्त किए गए प्रशासक और लेंडर्स के बीच मतभेद के चलते कंपनी का अधिग्रहण नहीं हो सका। वहीं, अब RCL के अधिग्रहण के लिए 4 कंपनियों ने इच्छा जाहिर की है।

RCL का अधिग्रहण :

अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) की मुश्किलें अब कुछ कम हो सकती हैं क्योंकि, अब कंपनी बिक सकती है। इसके अधिग्रहण के लिए 4 कंपनियों ने अपनी इच्छा जताई है। जो चार कंपनियों ने रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) को खरीदने की इच्छा जाहिर की है। उन कंपनियों में इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank), अमेरिकी संपत्ति प्रबंधन कंपनी ऑकट्री कैपिटल (Octree Capital), टॉरेंट ग्रुप (Torrent Group) और बी-राइट ग्रुप (B-Right Group) हैं। इस मामले में सामने आई खबरों की मानें तो, यह सभी कंपनियां बोलियां जमा कर चुकी हैं और इन आठ अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनी के लिए कुल बोलियां 4,000 करोड़ रुपये के दायरे में जमा की गई हैं।

कई बार बढ़ाई जा चुकी है डेडलाइन :

जानकारी के लिए बता दें कि, रिलायंस कैपिटल लिमिटेड (RCL) को खरीदने के लिए लगाई जा रही बोलियों के लिए डेडलाइन को अब तक कुल 5 बार बढ़ाया जा चुका है और अब जो डेडलाइन तय की गई है वो तारीख 29 अगस्त है। बता दें, बोली लगाने वाली कंपनियों को दो ऑप्शन दिए गए हैं।

  • पहला : बोलीदाताओं को समूची आरसीएल के लिए बोलियां जमा करने की आवश्यकता थी।

  • दूसरा : बोलीदाता कंपनी के विशेष कार्यक्षेत्रों के लिए बोली लगा सकते थे।

इन कारोबार को मिली इतनी बोली :

खबरों की मानें तो, पीरामल ग्रुप (Piramal Group), ज्यूरिख रे (Zurich Re) और अमेरिकी के निजी इक्विटी कोष एडवेंट ने रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के कारोबार के लिए बोली लगाई है। जबकि, रिलायंस निप्पन लाइफ इंश्योरेंस (Reliance Nippon Life Insurance) के कारोबार के लिए एक भी बोली नहीं लगाई गई है। वहीँ, जिंदल स्टील एंड पावर (Jindal Steel & Power) और यूवी एसेट रिकंस्ट्रक्शन (UV Asset Reconstruction) कंपनी ने रिलायंस कैपिटल के संपत्ति पुनर्गठन कारोबार के लिए बोलियां जमा की हैं।

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