पीएसीएल ने सामूहिक निवेश योजनाओं में एकत्र किए थे 60,000 करोड़ रुपये से अधिक
पैसे लौटाने के लिए पूर्व जस्टिस आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता में गठित की गई थी समिति
पीएसीएल ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर निवेशकों से पैसे जुटाए थे
राज एक्सप्रेस। शेयर मार्केट नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बताया है कि पीएसीएल की गैरकानूनी निवेश योजनाओं में पैसा लगाने वाले 21 लाख निवेशकों को रिफंड के रूप में अब तक अब तक 1,022 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। सेबी ने बताया कि इन निवेशकों का क्लेम 19,000 रुपये तक बना था। गौर तलब है कि पीएसीएल ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर निवेशकों से पैसे जुटाए थे।
हालांकि. सेबी ने इस मामले से जुड़ी अपनी जांच में पाया था कि पीएसीएल ने गैरकानूनी सामूहिक निवेश योजनाओं के माध्यम से 60,000 करोड़ रुपये से अधिक एकत्र किए थे। इन निवेशकों को उनके फंसे हुए पैसे लौटाने के लिए रिटायर्ड जस्टिस आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली एक समिति ने रिफंड प्रक्रिया शुरू की थी। सेबी ने बयान में कहा कि अभी तक लोढ़ा समिति ने 19,000 रुपये तक की बकाया (मूलधन) राशि वाले कुल 20,84,635 पात्र आवेदनों के संबंध में सफलतापूर्वक रिफंड कर दिया है। यह राशि 1,021.84 करोड़ रुपये है।
शेयर बाजार नियामक ने दिसंबर, 2015 में निवेशकों का पैसा न लौटाने पर पीएसीएल और उसके 9 प्रमोटरों और डायरेक्टरों की सभी संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था। इसके पहले सेबी ने 22 अगस्त, 2014 में आदेश दिया था कि पीएसीएल के उसके प्रमोटर और डायरेक्टर, जल्द से जल्द निवेशकों का पैसा वापस करें। बकायेदारों को आदेश की तारीख से 3 माह के अंदर सभी गैरकानूनी निवेश योजनाओं को बंद करने और निवेशकों को पैसा लौटाने का निर्देश दिया था। लेकिन जब तय समय तक निवेशकों का पैसा नहीं लौटाया गया तो सेबी ने इस प्रक्रिया को अपने हाथ में ले लिया था।
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