क्या है दुनिया की पहली वैदिक घड़ी की विशेषता?

gurjeet kaur

इस घड़ी की स्थापना मध्यप्रदेश में बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में की गई है। माना जाता है कि, उज्जैन से ही काल चक्र का निर्धारण होता है। उज्जैन में इसकी स्थापना गऊघाट स्थित जीवाजी वेधशाला में हुई है।

कहां है वैदिक घड़ी | Zeeshan Mohd-RE

भारत में कालगणना की परंपरा बहुत पुरानी है। प्राचीन ज्ञान परम्परा के आधार पर ही इस घड़ी की परिकल्पना की गई है। यह दुनिया की पहली वैदिक घड़ी है। प्राचीन परंपरा के अनुसार वैदिक घड़ी में काल गणना सूर्योदय से सूर्यास्त और फिर सूर्यास्त से सूर्योदय के अनुसार होगी। इस घड़ी में एक दिन 30 घंटे का होगा, और एक घंटे में 60 नहीं बल्कि 48 मिनट होंगे।

भारतीय कालगणना की परम्परा | Zeeshan Mohd-RE

जीवाजी वेदशाला में इसकी स्थापना 80 फ़ीट ऊँचे टावर पर की गई है। क्योंकि, टावर की लंबाई अधिक थी इसलिए 150 फ़ीट ऊंची क्रेन के माध्यम से इस घड़ी की स्थापना की गई।

80 फ़ीट ऊँचे टावर पर स्थापित | Zeeshan Mohd-RE

वैदिक घड़ी का इतिहास 300 साल पुराना है। जीवाजी वेधशाला का निर्माण जयपुर के महाराजा सवाई राजा जयसिंह ने 1719 में किया था जब वे दिल्ली के राजा मुहम्मद शाह के शासनकाल में मालवा के राज्यपाल के रूप में उज्जैन में थे। इसके बाद दिल्ली, जयपुर, मथुरा और वाराणसी में भी वेधशाला का निर्माण कराया गया।

क्या है इतिहास | Zeeshan Mohd-RE

इस घड़ी के लिए एक मोबाईल ऐप भी बनाया गया है। जिस प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। आम नागरिक इसका उपयोग आसानी से कर सकेंगे। इस वैदिक घड़ी के बैकग्राउंड ग्राफिक्स में सभी ज्योतिर्लिंग, नवग्रह, राशि चक्र, सूर्योदय, सूर्यास्त आदि रहेंगे।

वैदिक घड़ी के लिए ऐप | Zeeshan Mohd-RE

मध्यप्रदेश के उज्जैन में कालगणना की परम्परा बहुत प्राचीन है ,लेकिन उज्जैन में विक्रमदित्य के समय वराहमिहिर के द्वारा यहाँ पहली वेधशाला की स्थापना हुई। उन्होंने उज्जैन के आलावा कई अन्य क्षेत्रों में भी वेधशाला की स्थापना की थी। विक्रमादित्य ने भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा दिया था। उनके सम्मान में इस वैदिक घड़ी का नाम विक्रमादित्य वैदिक घड़ी रखा गया है।

क्यों रखा विक्रमादित्य नाम | Zeeshan Mohd-RE

इस वैदिक घड़ी में पंचाग, सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त, विक्रम संवत मास, ग्रह स्थिति, योग, भद्रा स्थिति, चंद्र स्थिति, पर्व, शुभ मुहूर्त, नक्षत्र, जयंती, व्रत, त्योहार, चौघड़िया, सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण, प्रमुख अवकाश, आकाशस्य ग्रह नक्षत्र, योग, करण, आदि की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

शुभ मुहूर्त भी बताएगी | Zeeshan Mohd-RE
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