Kavita Singh Rathore
हर साल 14 जून को World Blood Donor Day मनाया जाता है। WHO के अनुसार, इस दिन को मनाने का उद्देश्य रक्तदान के प्रति वैश्विक जागरूकता फैलाना है। खून देना पुण्य का काम है। रक्तदान में आप सिर्फ रक्त नहीं बल्कि लोगों की जिंदगी दान करते हो।
एक यूनिट में 350 मिलीग्राम खून होता है। जिसकी कीमत 850 से 1450 रुपए होती है। शरीर में एक यूनिट ब्लड की कमी 24 घंटे में पूरी हो जाती है। इसके लिए हेल्दी डाइट, फ्रूट, जूस और दूध लें।
टैटू बनवाने या पियर्सिंग के बाद, वैक्सीन लगवाने के बाद, अंडरवेट लोग, हाल ही में विदेश यात्रा से लौटने पर, कई सेक्सुअल रिलेशन रखने वाला व्यक्ति और 18 साल से कम उम्र के लोग रक्तदान नहीं कर सकते। हेपेटाइटिस बी, सी, ट्यूबरकुलोसिस, लेप्रोसी और HIV संक्रमित भी ब्लड डोनेट नहीं कर सकते हैं।
18 से 65 वर्ष के बीच का ऐसा व्यक्ति, जिसका वजन 45 किलों से ज्यादा हो और वह पूरी तरह स्वास्थ्य हो, वह हर 3 महीने में यानि साल में 4 बार ब्लड डोनेट कर सकता है।
रक्तदान करने के बाद भारी सामान उठाने या व्यायाम न करें। इसके अलावा जहां सुई लगी थी वहां से यदि खून बह रहा हो तो उसे दबा कर रखें। जिससे खून बहना बंद हो जाए।
सबसे अच्छा खून गोल्डन ब्लड ग्रुप यानि RH नल माना जाता है। यह बहुत ही रेयर मिलता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें एंटीजन नहीं होते। यह किसी को भी चढ़ाया जाए तो शरीर इसे स्वीकार कर लेगा।
लोगों को लगता है कि, रक्तदान करने से कमजोर हो जाएंगे। रक्तदान करने से किसी तरह की कमजोरी नहीं आती। जबकि, रक्तदान से शरीर और ज्यादा स्वस्थ हो जाता है। हालांकि, कई बार रक्तदान के बाद थकान, चक्कर आ जाना, सिरदर्द होना आम बात है।
गुजरात में सबसे ज्यादा रक्तदान करने वाले लोग हैं। भारत में सबसे ज्यादा (248 बार) रक्तदान करने वाले व्यक्ति हरीशभाई पटेल गुजरात के ही हैं।