Akash Dewani
उनका असली नाम शेख अबू अल-फजल इब्न मुबारक था, जिन्हें अल्लामी के नाम से भी जाना जाता है। बाइबिल के फ़ारसी भाषा में अनुवाद करने के अलावा 'अकबरनामा' और 'आईन-ए-अकबरी' के लेखक थे।
फैजी एक कवि, विद्वान और अबुल फ़ज़ल के भाई। अकबर ने उन्हें "मलिक-उश-शुअरा" का दर्जा दिया था। फैजी ने महान गणितज्ञ भास्कराचार्य के संस्कृत कार्य "लीलावती" का फ़ारसी में अनुवाद किया था।
तानसेन का असल नाम रामतनु जो कि अकबर के दरबार में एक संगीतकार थे। उन्होंने पहले स्वामी हरिदास और बाद में हजरत मुहम्मद गौस से संगीत सीखा। उनकी 'ध्रुपद' और 'राग' रचनाओं को आज भी याद किया जाता है।
बीरबल का असली नाम हेशदास था जो कि संस्कृत, फ़ारसी और हिंदी भाषाओं में निपुण थे। बीरबल ने अकबर के दरबार में दरबारी विदूषक और कवि की भूमिका निभाई थी। उन्हें भारतीय उपमहाद्वीप में ज्यादातर लोक कथाओं के लिए जाना जाता है।
टोडरमल, अकबर के शासनकाल के दौरान मुगल साम्राज्य के वित्त मंत्री थे। उन्होंने मानक वजन और माप, एक भूमि सर्वेक्षण और निपटान प्रणाली, राजस्व जिले और अधिकारियों की शुरुआत की थी जो आज भी भारत में उपयोग की जाती है।
राजा मान सिंह आमेर के राजा और अकबर की सेना में एक सेनापति थे। मान सिंह ने अकबर की तरफ से वीर हिन्दू राजा महाराणा प्रताप के खिलाफ 'हल्दीघाटी' सहित कई लड़ाईयाँ लड़ीं थी।
रहीम, अकबर के भरोसेमंद संरक्षक बैरम खान का पुत्र था। वह अपने ज्योतिषज्ञान की पुस्तकों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने बाबरनामा के फ़ारसी भाषा अनुवाद के साथ ज्योतिष शास्त्र पर दो पुस्तकें लिखीं- 'खेतकौटुकम्' और 'द्वात्रिमषदयोगावली'।
फकीर अज़ियाओ-दीन ने मुगल दरबार के सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। शाही दरबार में उन्होंने कविता, संगीत और साहित्य में उनकी असाधारण प्रतिभा और विशेषज्ञता के लिए पहचाने गए।
मुल्ला दो पियाजा एक फ़ारसी विद्वान थे जो अपने इस्लामी धर्मशास्त्र, दर्शन और कानून विशेषज्ञता के लिए जाने जाते थे। उनको भारत में इस्लामी विद्वता में उनके योगदान के लिए भी जाना जाता है।
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