Kavita Singh Rathore
अगर आप पहली बार पहाड़ चढ़ने जा रहे हैं,तो कुछ दिनों पहले से कार्डियो करना शुरू कर दें। इससे बॉडी का स्टैमिना बढ़ता है। चढ़ाई से पहले के कुछ सप्ताह में जॉगिंग भी स्टार्ट कर सकते हैं।
आप जिस पर्वत की चढ़ाई चढ़ने जा रहे हैं, उसके बारे में पूरी जानकारी लेना बेहतर है। यहां की एंट्री फीस के बारे में भी पता कर सकते हैं। हर पर्वत पर चढ़ाई के लिए कुछ नियम होते हैं, जिन्हें क्लाइंबर को फॉलो करना होता है, इसके बारे में भी पूरी नॉलेज हासिल करें।
पहाड़ की ऊंची चढ़ाई के चलते आप निर्जलित हो सकते हैं । जिससे सिरदर्द, के साथ थकान भी महसूस हो सकती है। याद रखें कि यात्रा के बीच में ताजा और साफ पानी आपको कहीं नहीं मिलेगा । ऐसे में कम से कम दो लीटर पानी से भरी बोतल साथ लेकर चलें।
चढ़ाई करते वक्त बॉडी में कार्बोहाइड्रेट और फैट सबसे ज्यादा बर्न होता है। इससे ऊर्जा में कमी आने लगती है। कई बार तो लोग ऊंचाई तक पहुंचने की उम्मीद ही छोड़ देते हैं। आपके साथ ऐसा न हो, इसके लिए कार्ब और प्रोटीन से भरपूर स्नैक्स साथ लेकर जाएं।
लंबी चढ़ाई से पहले स्ट्रेचिंग करना बहुत जरूरी है। स्टैटिक स्ट्रेच के बजाय डायनेमिक स्ट्रेच करने की कोशिश करें।
चढ़ाई के रास्ते में आप जो कुछ भी खाते पीते हैं, उसका कचरा कभी भी पहाड़ों पर न फेंके। प्लास्टिक जैसा एक कंटेनर अपने साथ लाएं, जहां आप अपना कचरा रख सकें। पर्यावरण का सम्मान करें और यहां की खूबसूरती का मजा लें।
अक्सर लोग एक्साइटमेंट में यह भूल कर बैठते हैं, जिससे उन्हें चोट लग जाती है। अगर आप किसी पहाड़ की चोटी पर पहुंच गए हैं, तो इसके किनारे सेल्फी लेने की गलती न करें। वरना आपको गंभीर नुकसान हो सकता है।
अगर आपने अपना रास्ता तय कर लिया है, तो मानकर चलिए कि अब आप पैर दर्द से बच नहीं सकते। इसलिए पहले से ही खुद को इसके लिए तैयार करें। चढ़ाई के बाद बाम या तेल लगाकर पैरों को रिलेक्स देना अच्छा तरीका है।