gurjeet kaur
हरियाणा के रिवाड़ी में रहने वाले अंतिम हिन्दू शासक हेमचन्द्र विक्रमादित्य को हेमू भी कहा जाता है। उनका जन्म अलवर क्षेत्र में राजगढ़ के निकट माछेरी गाँव में 1501 ई. में हुआ था। उनके पिता का नाम संत पूरणदास था। हेमू बचपन से ही अद्भुत प्रतिभा के धनि थे। उन्हें संस्कृत, हिन्दी, फारसी तथा अरबी का ज्ञान था। कुश्ती तथा घुड़सवारी में भी वे माहिर थे।
समकालीन मुस्लिम शासकों के बीच हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने का श्रेय हेमचन्द्र विक्रमादित्य (हेमू) को जाता हैं। उन्होंने अपने शासन के दौरान करीब 22 लड़ाइयां लड़ी। इसके चलते उनको इतिहासकार मध्य युग का समुद्रगुप्त के अलावा अंतिम हिन्दू शासक भी कहते हैं।
हेमचन्द्र विक्रमादित्य अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। 1545 ई में शेरशाह सूरी की मृत्यु के बाद उनके बेटे इस्लामशाह का ध्यान हेमचन्द्र विक्रमादित्य पर गया। उस समय वे हाथी की सवारी कर रहे थे। अपनी प्रतिभा के चलते वे शानाये मण्डी, दरोगा-ए-डाक चौकी तथा प्रमुख सेनापति ही नहीं, बल्कि इस्लामशाह के निकटतम सलाहकार भी बनाये गए।
इस्लामशाह की मृत्यु के बाद उनके बेटे की हत्या कर आदिलशाह (मुबारकशाह) गद्दी पर बैठा। आदिलशाह विलासी, शराबी तथा निर्बल शासक था। उसके काल में कई विद्रोह हुए। आदिलशाह ने हेमचन्द्र को समस्त जिम्मेदारी सौंपकर न केवल (वकील ऐ आला) प्रधानमंत्री बल्कि अफगान सेना का मुख्य सेनापति भी बना दिया था।
1556 ई. में जब बाबर का बेटा हुमायूं दोबारा भारत लौटा तो आदिलशाह चुनार भाग गया, और हेमचन्द्र को हुमायूं से लड़ने के लिए भेज दिया। इसी बीच 26 जनवरी, 1556 ई. को हुमायूं की मौत हो गई। हेमचन्द्र ने इस अवसर को न जाने दिया। उसने भारत में स्वदेशी राज्य की स्थापना के लिए अकबर की सेनाओं को आस-पास के क्षेत्रों से भगा दिया।
6 अक्टूबर 1556 को हेमू दिल्ली पहुंचा। वहां दिल्ली के गवर्नर ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन रोक नहीं पाया। मुगलों के साथ भिड़ंत के बाद हेमू की सेना जीत गई। इसके बाद हेमू ने विजेता के रूप में दिल्ली में प्रवेश किया और विक्रमादित्य की पदवी ग्रहण की और नए सिक्के निकाले।
हेमचन्द्र विक्रमादित्य या हेमू द्वारा सबसे पहली घोषणा गोहत्या पर प्रतिबंध था, वहीं दूसरी घोषणा भ्रष्टाचारी कर्मचारियों को तुरन्त हटाने की थी। आदेश न मानने पर कठोर सजा का भी प्रावधान था।
5 नवम्बर, 1556 ई. को पानीपत में हेमचन्द्र व मुगलों की सेनाओं में टकराव हुआ। इस युद्ध में हुमायुं के बेटे अकबर की सेना विजयी हुई। हेमू की आंख में एक तीर लग जाने से, वे बेहोश हो गए थे और इसके बाद अगले 300 साल तक भारत में मुगलों ने राज किया।
मुगल साम्राज्य की पहली इतिहासकार