gurjeet kaur
दिल्ली के सुल्तान इल्तुतमिश की बेटी सुल्तान रजियात-उद-दुन्या वा उद-दीन जिन्हें रजिया सुलतान भी कहा जाता है, का जन्म बदायूँ में 1205 में हुआ था। उन्हें बचपन से ही घुड़सवारी, तलवारबाजी और तीरंदाजी का शौक था। वे परदे के पीछे रहने वाली शहजादियों में से नहीं थी। शायद उन्हें अपने दौर की सबसे मजबूत महिला कहना भी गलत नहीं होगा।
सुल्तान इल्तुतमिश सबसे ज्यादा विश्वास अपनी बेटी रजिया पर किया करते थे और वास्तव में वे इस विश्वास की पात्र भी थीं। सुल्तान इल्तुतमिश के बेटे भी थे लेकिन उन्हें अपनी बेटी पर अधिक भरोसा था। इल्तुतमिश जब ग्वालियर की ओर एक अभियान पर निकले तो उन्होंने सत्ता की जिम्मेदारी रजिया सुल्तान को दी। वे कहा करते थे कि, उनकी बेटी में 20 बेटों की ताकत है।
मुग़ल काल में ताजपोशी के लिए साजिशें आम थीं। जाहिर है रजिया के भी कई दुश्मन थे। दरअसल, इल्तुतमिश ने ऐलान कर दिया था कि, उनकी उत्तराधिकारी रजिया होंगी। इसके बाद बहुत से रिश्तेदार उनके दुश्मन हो गए। जब उनकी सौतेली मां ने दरबार के अन्य साजिशकर्ताओं के साथ मिलकर अपने बेटे को सत्ता पर बैठाना चाहा तो रजिया ने अपनी सूझ-बूझ से बाजी पलट दी।
वे एक प्रतभावशाली और मजबूत शासक थीं। उन्होंने महिलाओं को दी जाने वाली पदवी को नकार दिया। उनकी ताजपोशी सुल्तान जलालुद्दीन रज़िया के रूप में हुई। उन्होंने अपने ज़नाना कपड़े छोड़कर आदमियों की तरह कुर्ते और पगड़ी पहनना शुरू कर दिया। उन्होंने परदा करना भी छोड़ दिया था।
इतिहास में रजिया सुलतान और याकूत के संबंधों को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। कुछ का मानना है कि, वे याकूत से मोहब्बत करतीं थी जो एक मामूली गुलाम था वहीं कुछ का मानना है कि, वे महज एक विश्वसनीय था। बहरहाल सच्चाई कुछ भी हो रजिया सुलतान के लिए परिस्थियाँ कभी आसान नहीं थीं।
इसमें कोई शक नहीं की वे एक कुशल शासक थीं लें उस दौर में मानसिकता इतनी विकसित कहाँ हुई थी कि, दरबारी एक महिला को शासक के रूप में स्वीकार कर लें। उनके खिलाफ कई साजिशें रची गईं। इसके बाद भटिंडा के राज्यपाल मल्लिक इख्तियार-उद-दीन-अल्तुनिया ने अन्य के साथ मिलकर राजिया सुल्तान को ललकारा। इस लड़ाई में याकूत मारा गया और राजिया को अल्तुनिया से निकाह करना पड़ा।
राजिया सुल्तान ने अपने शासन काल में अनेकों बार कठिनाइयों का सामना किया। अल्तुनिया से निकाह के बाद रज़िया के भाई, मैज़ुद्दीन बेहराम शाह ने दिल्ली की गद्दी हथिया ली। इसके बाद बेहराम शाह से राजिया और अल्तुनिया ने युद्ध किया। इसमें दोनों मारे गए और बेहराम विजयी हुआ।
मुगल साम्राज्य की पहली इतिहासकार