'आदित्य L1' की लांचिंग से साथ ही जान लें, इससे जुड़ी कुछ खास बातें
Kavita Singh Rathore
ISRO के सूर्य मिशन (सोलर मिशन) PSLV-C57/Aditya-L1(आदित्य L1) की लॉन्चिंग आज श्रीहरिकोटा से के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से 11:50 बजे हुई।
'आदित्य L1' की लॉन्चिंग | Zeeshan - RE
ISRO के सोलर मिशन के तहत लॉन्चिंग के ठीक 125 दिन बाद ये अपने पॉइंट L1 तक पहुंचकर डेटा भेजना शुरू करेगा।
क्या है सोलर मिशन | Zeeshan - RE
आदित्य L1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी और सूर्य के बीच की 1% दूरी तय करके L-1 पॉइंट पर पहुंचा देगा।
पृथ्वी और सूर्य की दूरी | Zeeshan - RE
आदित्य L1 में L लैग्रेंज प्वाइंट है क्योंकि, ये सूर्य के पास इसी पाइंट पर पहुंचना है। यह नाम गणितज्ञ जोसेफी-लुई लैरेंज के नाम पर दिया गया है। इन प्वाइंट्स की खोज लैरेंज ने ही की थी।
L1 में L ? | Zeeshan - RE
किसी दो घूमते हुए अंतरिक्षीय वस्तुओं के बीच ग्रैविटी का एक ऐसा प्वाइंट, जहां कोई भी वस्तु या सैटेलाइट दोनों ग्रहों या तारों की गुरुत्वाकर्षण से बचा रहता है। उसे लैरेंज प्वाइंट कहते हैं।
क्या है लैग्रेंज प्वाइंट ? | Zeeshan - RE
PSLV रॉकेट ने आदित्य को 235 x 19500 Km की पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा और उसने 16 दिनों में 5 बार थ्रस्टर फायर कर ऑर्बिट बढ़ाया।अब आदित्य के थ्रस्टर फायर होने के बाद यह ये L1 पॉइंट की ओर निकल जाएगा।
पृथ्वी की कक्षा | Zeeshan - RE
110 दिन का सफर तय करने के बाद आदित्य ऑब्जरवेटरी इस पॉइंट के पास पहुंच जाएगा। इसके अलावा थ्रस्टर फायरिंग के माध्यम से आदित्य को L1 पॉइंट के ऑर्बिट में डाल दिया जाएगा।
आदित्य ऑब्जरवेटरी | Zeeshan - RE
'आदित्य L1' के बाद ISRO का अगला मिशन स्पेस है जो कि, गगनयान (Gaganyaan) मिशन के तौर पर जाना जाएगा। इस मिशन के तहत भारत पहली बार अंतरिक्ष के लिए मानवयुक्त उड़ान भरेगा।