Kavita Singh Rathore
मध्य प्रदेश के अलग अलग जिले में कई राष्ट्रीय उद्यान हैं। यदि आप बच्चों सहित MP घूमने का मन बना रहे हैं तो यहां के सबसे सुंदर 6 राष्ट्रीय उद्यान जरूर जाएं। वैसे मध्य प्रदेश में कुल 12 राष्ट्रीय उद्यान है।
यह एक बाघ अभयारण्य है। जो मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। कान्हा को राष्ट्रीय उद्यान 1 जून 1955 को और बाघ अभयारण्य सन् 1973 में धोषित किया गया था। यह 940 वर्ग किमी में है। यहाँ बंगाल बाघ, भारतीय तेन्दुआ, स्लोथ रीछ, बारहसिंगा और सोनकुत्ता देखने को मिलते हैं।
यह उद्यान एक वन्य अभयारण्य है। इसे साल 1968 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था। यह 437 वर्ग किमी क्षेत्रफल में है। यह उद्यान 32 पहाड़ियों से घिरा है। यहां लोग खास टूर पर बाघ देखने आते हैं।
इस उद्यान को मोगली लैण्ड भी कहा जाता है। यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान हैं। सिवनी और छिन्दवाड़ा जिले की सीमाओं पर 292.83 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है।
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान 524 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। इसे 1981 में स्थापित किया गया था। इसके आसपास बोरी और पचमढ़ी अभयारण्य के साथ यह 1,427 वर्ग किलोमीटर का अद्वितीय मध्य भारतीय पार्वत्य देश पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है।
यह उद्यान संजय-डुबरी टाइगर रिजर्व का एक हिस्सा है। यह पर्यटकों का सबसे लोकप्रिय स्थान माना जाता है। इसे टाइगर रिज़र्व में शामिल किया गया है। संजय राष्ट्रीय उद्यान और दुबरी वन्यजीव अभयारण्य 831 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्रफल हैं।
यह उद्यान पन्ना और छतरपुर जिलों में स्थित है। इसे साल 1981 में एक वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था। यह 542.67 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में है। इसे 25 अगस्त 2011 को बायोस्फीयर रिजर्व का नाम दिया गया था।