साइकोलॉजी के अनुसार जाने क्यों होता है ऐसा

Kavita Singh Rathore

साइकोलॉजी कहती है कि, जब भी हम किसी बीमारी से डरते हैं या पूरे टाइम उसके बारे में सोचते हैं तो, आपका दिमाग आपके शारीर में बीमारी के लक्षण पैदा कर देगा और हमें वो बीमारी होने के चांस बढ़ जायेंगे।

बीमारी का डर | Zeeshan - RE

साइकोलॉजी के अनुसार प्यार का एक मनोविज्ञान का आधार होता है, जो हर किसी की समझ के बाहर है। जब एक-दूसरे की ओर आकर्षण बढ़ने लगता है तो, रासायनिक प्रक्रिया भी शुरू हो जाती। जिसके जिससे एकदूसरे की खुशबु, आवाज तथा उसके हाव-भाव अच्छे लगने लगते हैं और वह व्यक्ति हमें सबसे बेहतर लगता है। इसे हम प्यार का नाम देते हैं।

क्या है प्यार | Zeeshan - RE

साइकोलॉजी की मानें तो, लड़कियों का दिमाग अधिक संवेदनशील होने के साथ सामाजिक समझ रखता है। लड़कियों के दिमाग में ज्यादा सेंसरी इनपुट होता है जो जल्द ही लोगों की भावनाओं को समझने में मदद करता है। इसलिए लड़कियां ज्यादा समझदार होती हैं। वह लोगों को भांपने में भी तेज होती हैं

लड़कियों के दिमाग | Zeeshan - RE

किसी भी इंसान के दिमाग में रोजाना 6 हजार विचार आते हैं। इनमें 80% यानी 4800 विचार नेगेटिव और बाकि पोसिटिव आते हैं। कोई भी विचार न्यूरॉन्स सक्रिय होने पर आते हैं। हर दिन हजारों न्यूरॉन्स सक्रिय होते हैं।

रोजाना कितने विचार आते हैं | Zeeshan - RE

गलत विचार आने के कई कारण और हालात होते हैं। गलत या नकारात्मक विचार आना आम बात है और यह हमारे सोचने पर निर्भर करते हैं। जब हम निराश, दुखी या परेशान होते हैं तो हमारे दिमाग में अपने आप ही नकारात्मक विचार आने लगते है।

क्यों आते हैं गलत विचार | Zeeshan - RE

जब हम किसी के साथ कुछ समय बिताते हैं और उसे दोहराने की इच्छा रखते हैं, तब हमें उस व्यक्ति की याद आने लगती है। इसके अलावा जब आप किसी को सारी बातें सबसे पहले बताना चाहते हैं तो आपको उनकी याद आने लगती है।

क्यों आती है किसी की याद | Zeeshan - RE

किसी व्यक्ति के मन में डॉक्टरों से मिलने को लेकर कई तरह की घबराहट हो सकती हैं। जैसे वो कोई गंभीर बीमारी न बता दें, खाने-पिने की चीजों पर परहेज करने न बोल दे या एसी कोई बात न बोल दे जो आप किसी को न बताना छह रहे हों। ऐसे में लोग डॉक्टर से मिलने में ही घबराने लगते हैं।

क्यो डॉक्टर से मिलने से घबराते हैं लोग | Zeeshan - RE

ओवरथिंकिंग का मुख्य कारण यह है जब आप एक ही बात को लेकर बैठे रहते हो और उसी बारे में ध्यान केंद्रित करने लगते हो, ऐसे में आपको उस बारे में चिंता होने लगती हैं। आप लगातार उसी बारे में सोचते रहते हैं। बता दें, ज़्यादा सोचने से अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य विकार उत्पन्न होते हैं।

क्यों होती है ओवरथिंकिंग | Zeeshan - RE

यह सृष्टि बहुत बड़ी है, यहां अनगिनत लोग रहते हैं आप सोच कर देखिए, यदि हर एक के मन में भी एक प्रश्न हो तो क्या प्रश्नों का अंत होना मुमकिन हैं? यही कारण है कि, प्रश्नों का अंत नहीं हो सकता। हां, यह जरूर हो सकता है कि, कई प्रश्नों के उत्तर न हो।

क्यों नहीं है प्रश्नों का अंत | Zeeshan - RE

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