Shreya N
दुनिया भर में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 (जे एन 1) के मामले सामने आ रहे है। यह बीए.2.86 वैरिएंट का सब वैरिएंट हैं। इसके शुरुआती केस अमेरिका और चीन में सामने आए थे।
जे एन – 1 वैरिएंट के केस अब भारत में भी सामने आने लगे हैं। भारत में अबतक कोरोना के 341 नए मामले सामने आए हैं। एक्टिव केसेस की संख्या 2 हजार से ज्यादा हो गई है। इसकी वजह नए वैरिएंट JN.1 को बताया जा रहा है। भारत में इस वैरिएंट के सबसे ज्यादा मामले केरल से आए हैं।
JN.1 वैरिएंट में, कोरोना के बाकी वैरिएंट की तुलना में ज्यादा म्यूटेशन है। जिसके कारण यह ज्यादा तेजी से फैल रहा है। यही वजह है कि भारत में तेजी से कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं।
कोरोना के इस नए वैरिएंट से कुछ लोगों में इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसके अलावा, अब तक कोरोना के बाकी सभी लक्षण भी इस वैरिएंट में दिखाई देते हैं। इनमें गले में खराश, सिर दर्द, बुखार जैसे लक्षण शामिल हैं।
अब तक जिस प्रकार कोरोना से बचाव किया गया है, वैसे ही इस वैरिएंट से भी बचाव किया जा सकता है। बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से कोरोना के JN.1 वैरिएंट से बचा जा सकता है।
भारत में कोरोना के नए मामलों में आई बढ़ोतरी के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुरक्षा संबंधी नए दिशा निर्देश जारी कर दिये गए हैं। केंद्र ने राज्यों को कोरोना से बचाव के लिए सभी जरूरी तैयारियां करने के निर्देश दिये हैं। इसमें कोरोना की जांच और स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों पर नजर रखने की बात कही गई है।
WHO के अनुसार, कोरोना की अपडेटड वैक्सीन, इस नए वैरिएंट के विरूद्ध प्रभावी है। हालांकि सिंगापुर की एक रिपोर्ट कहती है, कि जिन लोगों ने अपनी पिछली कोविड वैक्सीन एक साल से पहले ली थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की ज्यादा जरूरत पड़ सकती है।
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